नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गाजियाबाद और नोएडा में भूमिगत जल का अवैध दोहन करने पर पेप्सिको और कोका-कोला पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने मून बेवरेजेज (कोका-कोला) और वरुण बेवरेजेज (पेप्सिको) पर अनापत्ति प्रमाण पत्र की समय सीमा खत्म होने के बाद भी भूजल का लगातार दोहन करने पर ये जुर्माना लगाया है।
एनजीटी ने कहा कि पेप्सिको और कोका-कोला कंपनियां केंद्रीय भूजल प्राधिकार के आदेशों का उल्लंघन करते हुए भूजल का दोहन कर रही थीं। यहां तक कि उन्होंने पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा भी नहीं भरा और न ही भूजल के रिचार्ज करने के लिए कोई कदम उठाया।
भूजल प्राधिकरण को भी फटकार
एनजीटी ने केंद्रीय भूजल प्राधिकार को फटकार लगाते हुए कहा कि उसकी लापरवाही से अवैध रूप से भूजल का दोहन किया गया। एनजीटी ने उत्तरप्रदेश भूजल विभाग को इस बात के लिए फटकार लगाई कि उसने अपने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन करते हुए इन कंपनियों को भूजल का दोहन करने की इजाजत दी।
कमेटी का गठन
एनजीटी ने मून बेवरेजेज के ग्रेटर नोएडा स्थित कंपनी पर 1 करोड़ 85 लाख रुपये, मून बेवरेजेज के साहिबाबाद स्थित कंपनी पर 13 करोड़ 24 लाख रुपये और वरुण बेवरेजेज के साहिबाबाद स्थित कंपनी पर 9 करोड़ 71 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने जुर्माने की इस रकम का भूजल को रिचार्ज करने के लिए कदम उठाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्रीय भूजल प्राधिकार , उत्तर प्रदेश भूजल विभाग और संबंधित जिलों के डीएम शामिल हैं।