राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को पाकिस्तान स्थित संदिग्धों द्वारा चलाए जा रहे कट्टरपंथी मॉड्यूल ”गज़वा-ए-हिंद” के संबंध में तीन राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी की। एनआईए ने बिहार के दरभंगा में एक और पटना में दो, सूरत (गुजरात) में एक और बरेली (उत्तर प्रदेश) में एक जगह सहित कुल पांच स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड), सिम कार्ड और दस्तावेजों सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।
प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का है मकसद
यह मामला बिहार पुलिस द्वारा पटना के फुलवारीशरीफ क्षेत्र केमरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी के बाद प्रकाश में आया था। पिछले साल 14 जुलाई को मामला दर्ज किया गया था। एनआईए ने 22 जुलाई, 2022 को मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। मरगूब के विरुद्ध 6 जनवरी, 2023 को आईपीसी और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। आरोपित ग़ज़वा-ए-हिंद मॉड्यूल का सदस्य था। ग़ज़वा-ए-हिंद का मकसद प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था। इसे पाकिस्तान स्थित गुर्गों द्वारा संचालित किया गया था।
सोशल मीडिया से चल रहा था मुहिम
जांच से पता चला कि मरगूब एक व्हाट्सएप ग्रुप ”गज़वा-ए-हिंद” का एडमिन था, जिसे ज़ैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था। उसने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए देश में स्लीपर सेल स्थापित करने के उद्देश्य से कई भारतीयों, पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और यमनी नागरिकों को समूह में जोड़ा था। आरोपित ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर पर ”गज़वा-ए-हिंद” के विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप बनाए थे। उसने ”बीडीगज़वा ए हिंदबीडी” के नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था और इसमें बांग्लादेशी नागरिकों को जोड़ा था।
आगे की जांच से पता चला कि मामले में शामिल विभिन्न संदिग्ध पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के संपर्क में थे और गजवा-ए-हिंद के विचार का प्रचार करने में शामिल थे। एनआईए की छापेमारी आज तीन राज्यों में इन संदिग्धों के ठिकानों पर की गई। मामले में एनआईए की आगे की जांच जारी है।
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