राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने 31 अगस्त को तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर मामले में एक प्रमुख आरोपित को गिरफ्तार किया है। मामले में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत में इस्लामी खिलाफत स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा था। एनआईए ने यह जानकारी शनिवार काे दी।
एनआईए के अनुसार अजीज अहमद उर्फ जलील अजीज अहमद को विदेश भागने की कोशिश करते समय बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पकड़ा गया है।
चरमपंथी, कट्टरपंथी और मौलिक विचारधारा से प्रभावित
एनआईए ने इसमें छह आरोपिताें के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह लोग हिज्ब-उत-तहरीर की चरमपंथी, कट्टरपंथी और मौलिक विचारधारा से प्रभावित थे। हिज्ब-उत-तहरीर एक अंतरराष्ट्रीय पैन-इस्लामिस्ट और कट्टरपंथी संगठन है जो इस्लामी खिलाफत स्थापित करने और इसके संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी द्वारा लिखे गए संविधान को लागू करने के लिए लड़ रहा है।
गुप्त सभाएं की थी आयोजित
एनआईए जांच के अनुसार आरोपिताें ने गुप्त सभाएं आयोजित की थीं। इन सभाओं में कई प्रतिभागियों, विशेष रूप से भोले-भाले युवाओं को हिज्ब-उत-तहरीर की विचारधाराओं के साथ कट्टरपंथी बनाया जा रहा था। इसका मकसद भारत की शत्रु ताकतों की सैन्य सहायता (नुसरा) से अपने नापाक लक्ष्य को हासिल करना था। अजीज अहमद को गुप्त बयानों को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपित के तौर पर पाया गया है। मामले में एनआईए की जांच जारी है।