Jammu and Kashmir: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 28 जनवरी को गैर-स्थानीय लोगों की हत्या के मामले में कश्मीर के तीन जिलों में छह स्थानों पर व्यापक तलाशी ली। एनआईए की टीमों ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसकी शाखा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) से सहानुभूति रखने वालों, कैडरों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) से संबंधित आवासीय परिसरों से कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।
एनआईए ने कहा कि यह मामला अमृतसर (पंजाब) के चमायरी निवासी दो नागरिकों की हत्या से संबंधित है, जिन पर आतंकवादियों ने 7 फरवरी, 2024 की शाम को शहीद गंज इलाके के शल्ला कदल में गोलीबारी की थी। इस आतंकी हमले में अमृतपाल सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि रोहित मासी गंभीर रूप से घायल हो गया था और उसने अगले दिन श्रीनगर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया।
मामला दर्ज कर जांच शुरू
प्रवक्ता ने आगे बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश पर 15 जून, 2024 को एनआईए ने यह मामला दर्ज करके जांच शुरू की थी। इसी मामले में श्रीनगर, बडगाम और सोपोर जिलों में छह स्थानों पर आज तलाशी ली गई। एनआईए ने इस मामले में पहले ही चार आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। एनआईए की टीमों ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसकी शाखा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (‘टीआरएफ’) से सहानुभूति रखने वालों, कैडरों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) से संबंधित आवासीय परिसरों से कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। उन्होंने कहा कि संदिग्ध आतंकवादियों को पनाह देने, शरण देने और साजो-सामान संबंधी सहायता मुहैया कराने में शामिल थे।
भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश
इस मामले में एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि लश्कर और टीआरएफ के मास्टरमाइंड भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश के तहत गैर-स्थानीय लोगों पर हमले करने के लिए कश्मीर घाटी में युवाओं के संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि कथित तौर पर एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया एप्लिकेशन का उपयोग करके आपराधिक साजिश की योजना भौतिक और साइबरस्पेस दोनों के माध्यम से बनाई गई थी। बयान में कहा गया है कि एनआईए तलाशी के दौरान जब्त की गई सामग्रियों की जांच कर रही है।