एनआईए कोर्ट ने आतंकी मुजफ्फर को सुनाई फांसी की सजा

एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने आरोपित आतिफ़ मुजफ्फर और मोहम्मद फ़ैसल पर 10 सितम्बर 2018 को आरोप तय किया थे।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और यूपी एटीएस की स्पेशल कोर्ट ने ठाकुरगंज में एटीएस में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के साथी आतंकी मुजफ्फर, फैसल को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाते हुए कहा की उनको हाई कोर्ट से पुष्टि हो जाने के बाद फांसी दी जाएगी।
कोर्ट ने दोषियों पर 11.70 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और जुर्माने की सारी रकम मृतक रमेश बाबू के आश्रितों को देने का आदेश दिया है। जिला मजिस्ट्रेट लखनऊ को आदेश दिया कि वह रमेश बाबू शुक्ला के परिजनों की पहचान सुनिश्चित करे जिससे उन्हें क्षतिपूर्ति की धनराशि दी जा सके।

उल्लेखनीय है कि कोर्ट में एनआईए के विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह, केके शर्मा और बृजेश कुमार यादव ने बताया की इस मामले कि रिपोर्ट वादी अक्षय शुक्ला ने कानपुर के चकेरी थाने में 24 अक्टूबर 2016 को दर्ज कराई थी।सैफ़ुल्लाह, आतिफ़ और फ़ैसल ने कानपुर के चकेरी में अकारण ही सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला के हाथ में कलावा देखकर रमेश बाबू की हिंदू पहचान सुनिश्चित हो जाने पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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दोनों दोषी भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बम ब्लास्ट मामले के भी आरोपित हैं
एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने आरोपित आतिफ़ मुजफ्फर और मोहम्मद फ़ैसल पर 10 सितम्बर 2018 को आरोप तय किया थे। बताते चले दोनों आरोपितों को गत 28 फ़रवरी को एनआईए कोर्ट अन्य मामले में फांसी की सजा से दंडित भी कर चुकी है। वहीं दोनों दोषी भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बम ब्लास्ट मामले के भी आरोपित हैं और यह मामला भोपाल की कोर्ट में चल रहा है।

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