NIA Raid: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) (एनआईए) ने 05 (जनवरी )रविवार को कहा कि उसने मानव तस्करी (human trafficking) और साइबर गुलामी मामले (cyber slavery case) की जांच के तहत दिल्ली के जामिया नगर (Jamia Nagar) में हाल ही में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी के घर पर तलाशी ली है।
शनिवार को जांच एजेंसी ने डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन या टैबलेट) और कई बैंकों के डेबिट कार्ड, पासबुक और चेकबुक सहित आपत्तिजनक वित्तीय दस्तावेज जब्त किए। जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला कामरान हैदर और अन्य आरोपियों द्वारा एक आपराधिक साजिश से जुड़ा है, जो कमजोर भारतीय युवाओं को लाओ पीडीआर के गोल्डन ट्राइंगल क्षेत्र में भेजने में लगे हुए हैं।
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अंतरराष्ट्रीय साइबर नेटवर्क
इस रैकेट के पीड़ितों को यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर लाओ पीडीआर में साइबर घोटाले करने के लिए मजबूर किया गया था। एनआईए ने कहा कि हैदर ने पूरे ऑपरेशन में मदद की थी और पीड़ितों से क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के जरिए पैसे ऐंठने में भी शामिल था, जिन्होंने चीनी घोटालेबाजों के चंगुल से भागने की कोशिश की थी।
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पीएफआई कैडर को गिरफ्ता
एनआईए ने दुबई से फंड जुटाने के आरोप में पीएफआई कैडर को गिरफ्तार किया। एक अन्य घटनाक्रम में, एनआईए ने भारत में अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित संगठन के लिए दुबई से फंड जुटाने के आरोप में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक कैडर को गिरफ्तार किया। एनआईए ने रविवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि उसने बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोहम्मद सज्जाद आलम को शनिवार को दुबई, यूएई से यहां इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार कर लिया।
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गिरफ्तारी वारंट जारी
एक विशेष एनआईए अदालत ने पीएफआई के प्रशिक्षित कैडर आलम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। बयान में कहा गया है कि उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया गया था। एनआईए के अनुसार, आरोपी दुबई से बिहार में पीएफआई कैडरों को यूएई, कर्नाटक और केरल स्थित सिंडिकेट के माध्यम से अवैध धन पहुंचाने में शामिल था। एनआईए ने कहा कि धन का इस्तेमाल प्रतिबंधित संगठन की आपराधिक और गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।
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राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल
जुलाई 2022 में बिहार में फुलवारी शरीफ पुलिस द्वारा शुरू में दर्ज किया गया मामला पीएफआई कैडरों की गैरकानूनी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने से संबंधित है। बयान में कहा गया है कि कैडरों ने देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक गतिविधियों के माध्यम से आतंक का माहौल बनाने और विभिन्न धर्मों और समूहों के सदस्यों के बीच धार्मिक दुश्मनी फैलाने की साजिश रची। जांच एजेंसी ने कहा कि सार्वजनिक शांति को बाधित करने और भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने के उद्देश्य से, उनकी गतिविधियों में भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने की पीएफआई विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए आपराधिक बल का उपयोग शामिल था, जैसा कि संगठन के विजन दस्तावेज, “भारत 2047: भारत में इस्लाम के शासन की ओर, आंतरिक दस्तावेज: प्रचलन के लिए नहीं” में परिकल्पित है।
पुलिस द्वारा मामला दर्ज
पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के कुछ दिनों बाद ही एनआईए ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया था और अब तक 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। आलम इस मामले में गिरफ्तार होने वाला 18वां आरोपी है।
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