केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद को सूचित किया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने पिछले 5 वर्षों के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में कुल 17 मामले दर्ज किये हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 330 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 2 अगस्त को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों और चालू वर्ष के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोपों में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा वर्ष 2017 में एक, 2018 में चार, 2019 में दो, 2020 और 2021 में तीन-तीन तथा 2022 में 29 जुलाई तक कुल चार मामले दर्ज किये गये हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि उपर्युक्त आंकड़े किसी स्पष्ट प्रवृति को नहीं दर्शाते हैं।
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एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि धर्म, जाति, जन्म स्थान आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों के लिए पिछले तीन सालों में 4794 अपराधियों को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा सूचित किए गए अपराध के आंकड़े संकलित करता है। एनसीआरबी द्वारा अपराध के आंकड़े धर्म-वार नहीं रखे जाते हैं। वर्ष 2018-2020 के दौरान धर्म, जाति, जन्म स्थान आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों के लिए 2018 में 1716, 2019 में 1315 और 2020 में 1763 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 330 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद तमिलनाडु-176, असम-156, केरल-154, तेलंगाना-126, छत्तीसगढ़-114 गिरफ्तारियां हुईं। हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम, दादर और नागर हवेली तथा दमन और दीव में एक-एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई। केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली और जम्मू कश्मीर से 14-14 गिरफ्तारियां हुईं। मिजोरम, ओडिशा, चंडीगढ़, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुदुचेरी में यह आंकड़ा शून्य रहा है।
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