महाराष्ट्र के अमरावती में फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की जघन्य हत्या के प्रकरण की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी कर रही है। इसमें बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने 7 आरोपियों पर अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेन्शन) एक्ट 1967 (यूएपीए) के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है। कोल्हे की हत्या 21 जून को कर दी गई थी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उमेश कोल्हे की हत्या की जांच एनआईए से करने का आदेश दिया था। इसमें केंद्रीय जांच एजेंसी को आरोपियों का आतंकी संगठनों से संपर्क, कट्टरवादी संगठनों की जांच आदि की जानकारी प्राप्त करके कार्रावई करनी है। उमेश कोल्हे की हत्या में जिन 7 लोगों का नाम सामने आया था, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इसमें से एक आरोपी डॉ.मोहम्मद युसुफ खान ऐसा है जो कई वर्षों से उमेश कोल्हे का पारिवारिक मित्र था। हत्या के बाद मोहम्मद खान उमेश के अंतिम संस्कार में भी सम्मिलित हुआ था।
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इन आरोपों की अंतर्गत कार्रवाई
केंद्रीय एजेंसी ने यूएपीए के सेक्शन 16,18 और 20 के अंतर्गत प्रकरण पंजीकृत किया है। यह आतंकी गतिविधियों की रोकथाम के अंतर्गत कानूनों में आता है। यह सेक्शन 153ए और 153बी, 302 और 120बी के अतिरिक्त है।
उदयपुर प्रकरण में भी ऐसी कार्रवाई
उदयपुर में दर्जी कार्य करनेवाले कन्हैयालाल की हत्या में शामिल लोगों पर भी एनआईए ने यूएपीए की धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की है।