देश के बहुचर्चित निठारी कांड मामले में पहली रिपोर्ट दर्ज कराने वाले नंदलाल को 32 मई को एक मामले में बयान से मुकरने पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने साढ़े तीन साल के कारावास तथा 10 हजार के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। न्यायालय ने 27 मई को इस मामले में नंदलाल को दोषी करार दिया था।
अधिवक्ता खालिद खान ने बताया कि निठारी निवासी नंदलाल ने 2006 में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। जिसमें वह अपने बयान से मुकर गया था, जिस कारण इस मामले में पंधेर को सजा नहीं हुई थी। उन्होंने बताया कि जिसके चलते सुरेंद्र कोली को ही सीबीआई कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर दोषी माना था। इस मामले में सीबीआइ कोर्ट तत्कालीन न्यायाधीश रमा जैन ने 2007 में नंदलाल के खिलाफ बयान से मुकरने का मामला दर्ज कराया था। इसकी सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-तीन के यहां पर विचाराधीन थी।
31 मई को न्यायालय ने नंदलाल को इस मामले में अपना फैसला सुनाया। फैसले में नन्दलाल को साढ़े तीन साल की सश्रम कारावास तथा 10 हजार के जुर्माने की सज़ा सुनाई।
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