देश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में देश में 2.71 लाख से ज्यादा मरीज दर्ज किए गए हैं। वर्तमान में इसके संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण और एहतियाती उपाय ही एकमात्र विकल्प हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि 16 जनवरी को भारत में टीकाकरण अभियान का एक वर्ष पूरा हो गया है। एक साल में देश में 156 करोड़ वैक्सीन की डोज दी गई है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देशवासियों को बधाई दी है।
आज विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को 1 वर्ष पूर्ण हो गया है।
PM @NarendraModi जी के नेतृत्व में शुरू हुआ यह अभियान 'सबके प्रयास' के साथ आज दुनिया का सबसे सफल टीकाकरण अभियान है।
मैं सभी स्वास्थ्य कर्मियों, वैज्ञानिकों व देशवासियों को बधाई देता हूँ। #1YearOfVaccineDrive pic.twitter.com/IvoX3Z9Nso
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) January 16, 2022
कोरोना हमेशा के लिए नहीं रह सकता..
इस बीच, वाशिंगटन के वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट डॉ. कुतुब महमूद ने कहा है कि कोई भी महामारी स्थायी नहीं है और कोरोना जल्द ही समाप्त हो जाएगा। वैज्ञानिक ने कहा, “कोरोना हमेशा के लिए नहीं रह सकता, और यह जल्द ही खत्म हो जाएगा। यह एक तरह का खेल है और इस खेल में कोई विजेता नहीं है, यह ड्रॉ होने वाला है। एक समय आएगा, जब यह वायरस गायब हो जाएगा और हम वास्तव में जीतेंगे। आपको हमेशा मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। आपको इससे जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा। मुझे लगता है कि हम उस समय के बहुत करीब हैं। इस साल जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, इस इस महामारी से बाहर निकलेंगे।”
दबाव में है कोरोना वायरस
वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट डॉ. कुतुब महमूद ने कहा, “वायरस मानव प्रतिरक्षा को बढ़ने के बाद दबाव में है। इसी कारण यह नए वेरिएंट बनाने की कोशिश करता है ताकि वह बच सके। यह शतरंज के खेल की तरह है। यह एक वायरस और एक इंसान के बीच जंग जैसा है। इंसान और वायरस की लड़ाई जारी है। हम सुरक्षा के लिए मास्क, हैंड सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंस जैसे नियमों का पालन कर रहे हैं। हमारे पास टीका, एंटीवायरल और एंटीबॉडी हैं, जिनका हमने कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल किया है। ”
भारत की सराहना
डॉ. कुतुब महमूद ने एक साल के भीतर 60 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत की सराहना की। उन्होंने कहा,”यह देश के लिए और भारत में वैक्सीन उत्पादकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। भारतीय टीकों का उपयोग विश्व स्तर पर किया जाता है। पिछले साल हम इन टीकों को भारतीय डीसीजीआई द्वारा अनुमोदित कराने की प्रक्रिया में थे। तब से आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी गई है और इस बीच भारत ने 12 महीनों में लगभग 60 प्रतिशत टीकाकरण हासिल किया है, जो भारत सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय और वैक्सीन निर्माताओं के लिए बड़ी उपलब्धि है।”