Electoral Bonds: ‘चुनावी बॉन्ड घोटाले में एसआईटी जांच की जरूरत नहीं’, सर्वोच्च न्यायालय ने सुनाया निर्णय

लोकसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले फरवरी में चुनावी बांड को समाप्त कर दिया गया था, जब सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा राजनीतिक दलों को दिया गया अघोषित धन मतदाताओं के अधिकारों का उल्लंघन है।

111

इलेक्टोरल बांड (Electoral Bonds) के रूप में दिए गए चंदे (Donations) की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी (SIT) से जांच की मांग वाली याचिका (Petition) सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता कॉमन कॉज की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि मामलों में सिर्फ राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि प्रमुख जांच एजेंसियां ​​भी शामिल हैं। यह देश के इतिहास के सबसे बुरे वित्तीय घोटालों में से एक है। जिन कंपनियों ने बांड लिये, उसके बाद उन्हें काम मिला, इससे स्पष्ट है कि उसके एवज में किया गया। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने इलेक्टोरल बांड स्कीम को रद्द कर जानकारी साझा करने को कहा था। अब इस मामले में एसआईटी जांच की मांग क्यों। उन्होंने कहा कि यह मामला एसआईटी जांच का नहीं है। ऐसे ही किसी भी मामले में एसआईटी जांच के आदेश नहीं दे सकते।

यह भी पढ़ें – NEET-UG 2024: NEET पर सर्वोच्च न्यायालय का बड़ा फैसला, नहीं होगी दोबारा परीक्षा

चुनावी बांड मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला!
याचिका कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि इलेक्टोरल बांड के जरिए कॉरपोरेट्स और राजनीतिक दलों के बीच कथित क्विड प्रो क्यों यानि बदले में दी जाने वाली व्यवस्था की जांच की जाए। याचिका में कहा गया था कि चुनावी बांड मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच के जरिए ही उजागर किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने इलेक्टोरल बांड को असंवैधानिक करार दिया था। 21 मार्च को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इलेक्टोरल बांड की पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी थी।

देखें यह वीडियो – 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.