मलेशिया में 20 नवंबर को आम चुनाव के नतीजे जारी किए गए, लेकिन यहां कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर सकी। कड़े मुकाबले के बीच किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से त्रिशंकु हालात बन गए हैं। विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम के सुधारवादी गठबंधन को सबसे अधिक 83 सीट मिली हैं, लेकिन वह बहुमत के आंकड़े से दूर हैं। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन के नेतृत्व वाले ‘नेशनल एलायंस’ को 73 सीट मिली हैं। ‘यूनाइटेड मलयज नेशनल ऑर्गेनाइजेशन’ (यूएमएनओ) की अगुवाई वाले गठबंधन को महज 30 सीट ही मिलीं। चुनाव में हार का सामना करने वाले लोगों में दो बार के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद (97) भी शामिल हैं, जो एक अलग मलय आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
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ग्रामीण मलय समुदाय के लोगों को सता रहा ‘यह’ डर
मलेशिया की 3.3 करोड़ आबादी के दो तिहाई ग्रामीण मलय समुदाय के लोगों को डर है कि अधिक बहुलता के साथ वे अपने अधिकारों को खो सकते हैं। इनमें बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक जातीय चीनी और भारतीय लोग शामिल हैं। इसके साथ ही यूएमएनओ के भ्रष्टाचार ने मुहिद्दीन के गठबंधन को फायदा पहुंचाया। इसकी सहयोगी पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी या पीएएस अहम विजेता बनकर उभरी है। इस चुनाव के नतीजों के बाद गठबंधन सरकार की सूरत नहीं बनने पर बहुमत पाने के लिए नेताओं के खरीद-फरोख्त का दौर शुरू हो सकता है। इस बीच मुहिद्दीन और अनवर दोनों के बीच राजनीतिक खींचतान जारी है।