कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ 23 साल पुराने मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत ने मुकदमे की तारीख पर हाजिर न होने पर सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनकी पत्रावली अलग कर दी।
सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप
एमपी-एमएलए कोर्ट ने बाकी आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करते हुए मुकदमे के विचारण के लिए अगली तिथि 18 मार्च तय की है। सुरजेवाला पर चर्चित संवासिनी कांड पर वाराणसी जिला मुख्यालय में चक्काजाम और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। 21 अगस्त, 2000 को युवा कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष एसपी गोस्वामी के नेतृत्व में कार्यकर्ता लामबंद होकर आयुक्त कार्यालय परिसर में जबरदस्ती प्रवेश कर गए थे। इन लोगों ने संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को फर्जी ढंग से फंसाने का आरोप लगाते हुए बवाल काटा था। इस पर सुरजेवाला और गोस्वामी सहित अन्य की गिरफ्तारी भी हुई थी।
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कोर्ट में नहीं हाजिर हुए सुरजेवाला
इसी मामले में 13 मार्च को सुरजेवाला, स्थानीय नेता विजय शंकर पांडेय, संतोष चौरसिया, हाजी रहमतुल्ला, विद्याशंकर, अरविंद कुमार सिंह, अनिल श्रीवास्तव, शम्भूनाथ बाटुल, शांतेश उर्फ संतोष कुमार, दयानंद पाण्डेय, सतनाम सिंह, अशोक कुमार मिश्रा, संजीव कुमार जैन, विशेश्वर नाथ पांडेय व दयाशंकर सिंह के खिलाफ आरोप तय होने थे। संसद की कार्यवाही चलने के कारण सुरजेवाला कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इस पर अदालत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।