दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के संदिग्ध आरोपित कासिम सैयद मोहम्मद इब्राहिम के खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल पूरक चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। एडिशनल सेशंस जज सचिन गुप्ता ने पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट (टीडीएफटी) और इसके मैनेजिंग ट्रस्टी एम मोम्मद इस्माइल को 21 दिसंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया है।
ईडी के मुताबिक पीएफआई के एक संगठन तमिलनाडु डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट अरिवगम नामक इस्लामिक धर्मांतरण केंद्र चलाता है। ये केंद्र पुरुषों के धर्मांतरण के लिए ठेणी जिले के मुथुदेवन पट्टी गांव में दावा ओरिएंटेशन कैंप चलाता है जबकि महिलाओं के धर्मांतरण के लिए तिरुनेलवेली जिले के इरुवादी में कैंप चलाता है। ईडी के मुताबिक इब्राहिम अरिवगम और तमिलनाडु डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट का प्रमुख व्यक्ति है। ईडी के मुताबिक इब्राहिम ने मनी लांड्रिंग कानून की धारा 50 के तहत जांच में सहयोग नहीं किया।
पीएफआई ने दी है चुनौती
हाल ही में पीएफआई ने अपने ऊपर लगे प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 14 अगस्त को पटियाला हाउस कोर्ट ने पीएफआई के संदिग्ध सेहुल हमीद के खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। एक नवंबर 2022 को कोर्ट ने ईडी की ओर से पीएफआई और उसके तीन सदस्यों के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के मामले में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 19 नवंबर 2022 को ईडी ने चार्जशीट दाखिल की थी।
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चार्जशीप में इन्हें भी बनाया गया आरोपी
चार्जशीट में पीएफआई के अलावा पीएफआई के दिल्ली के अध्यक्ष परवेज अहमद, पीएफआई के दिल्ली के महासचिव मोहम्मद इलियास और पीएफआई के दिल्ली के कार्यालय सचिव अब्दुल मुकीत को आरोपित बनाया गया है। तीनों आरोपितों को 22 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने आरोपितों के खिलाफ 120 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया है। ईडी ने कहा है कि अब तक की जांच के मुताबिक पीएफआई के सदस्यों ने डोनेशन और हवाला के जरिये धन जुटाए थे। विदेशों से भी धन जुटाए गए। इस धन का गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता था।