करीब दो साल शांति के बाद आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच सीमा पर फिर संघर्ष शुरू हो गया है। इस संघर्ष में आर्मेनिया के 49 सैनिकों की मौत हुई है। अजरबैजान का कहना है कि उसके भी 50 सैनिक हताहत हुए हैं।
आर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 12 सितंबर की आधी रात बाद अजरबैजानी फौजों ने तोपखाने और ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए उसके इलाके में एक साथ कई स्थानों पर ताबड़तोड़ हमला शुरू किया है। आर्मेनियाई फौज ने माकूल जवाब दिया दिया है। इस संघर्ष में उसके 49 जवानों की मौत हो गई।
आर्मेनियाई सैनिकों ने बरसाए गोले
अजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अर्मेनिया ने 12 सितंबर की देर रात और 13 सितंबर की तड़के उनके इलाके में गोलाबारी की गई। आर्मेनियाई सैनिकों ने इलाके में बारूदी सुरंगें बिछाने के साथ सैन्य ठिकानों पर गोले बरसाए हैं। इस हमले में उसके 50 सैनिकों की जान चली गई।
रूस की संघर्ष विराम की कोशिश
इस बीच रूस ने दोनों के बीच संघर्ष विराम कराने का प्रयास किया है। मगर रूस को कामयाबी नहीं मिल सकी है। गोलाबारी जरूर कुछ कम हुई, लेकिन अजरबैजान की फौज दिनभर आर्मेनिया में घुसने का प्रयास करती रही। अजरबैजान की गोलाबारी में कई नागरिक ढांचों को भी क्षति पहुंची हैं।
2020 में मारे गए थे 6,600 लोग
उल्लेखनीय है कि नागोर्नो-काराबाख अजरबैजान का हिस्सा है। 1994 में अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से आर्मीनिया समर्थित बलों का यहां नियंत्रण है। दोनों के बीच 2020 में छह सप्ताह तक चले युद्ध में 6,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।