Coaching Classes: अब 16 साल से कम उम्र के छात्रों का प्रवेश नहीं लेंगे कोचिंग संस्थान, पढ़ें और क्या हैं दिशानिर्देश

छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की योग्यता स्नातक से कम नहीं होनी चाहिए। साथ किसी भी तरह के आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति को कोचिंग सेंटर अपने यहां शिक्षक के रूप में नियुक्त नहीं करेंगे।

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देश भर में राजस्थान के कोटा से उच्च अंक प्राप्त करने को लेकर छात्रों (students) को लुभाने वाले संस्थानों, कोचिंग क्लासेस (Coaching Classes) के छात्रों द्वारा आत्महत्या (suicide) करने की घटनाएं देखने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Union Ministry of Education) ने कोचिंग संस्थाओं के लिए सख्त दिशानिर्देश (guidance) जारी किए। इसके मुताबिक, 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अब कोचिंग क्लास में प्रवेश लेने पर रोक (Ban on taking admission in coaching classes) होगी। अच्छी रैंक के साथ-साथ उच्च अंक का वादा करने के विज्ञापन लगाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

संस्थानों को पंजीकृत कराना आवश्यक
राजस्थान के कोटा से लेकर देश भर के छात्रों में कोचिंग कक्षाओं में छात्रों के बीच तनावपूर्ण प्रतिस्पर्धा के कारण आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं। अच्छे अंकों का दबाव छात्रों को भारी तनाव में डाल देते हैं। इसके अनुरूप, सरकार ने अब व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षा दान करने वाले संस्थानों को पंजीकृत करना आवश्यक समझा है। 16 वर्ष से कम आयु के छात्रों का नामांकन कोचिंग संस्थानों में नहीं किया जा सकता है । साथ ही अब छात्रों से कोचिंग सेंटर द्वारा अधिक शुल्क नहीं लिया जा सकता है।

बीच में कोचिंग छोड़ने पर छात्र को लौटाने होंगे रुपये
देश भर में निजी कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की योग्यता स्नातक से कम नहीं होनी चाहिए। साथ किसी भी तरह के आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति को कोचिंग सेंटर अपने यहां शिक्षक के रूप में नियुक्त नहीं करेंगे। शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार यदि कोई छात्र बीच में कोचिंग सेंटर छोड़ेगा, उसे बचे महीने के पैसे कोछिंग सेंटर छात्र को वापस लौटाएंगे।

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