उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने साइबर अपराधों (Cyber Crimes) पर सख्ती से नियंत्रण (Control) करने के लिए पुलिस (Police) को हर स्तर पर सक्षम बनाने का निर्णय लिया है। शनिवार (26 अगस्त) को राज्य में साइबर सुरक्षा व्यवस्था (Cyber Security System) की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि वर्तमान में क्षेत्रीय स्तर पर संचालित साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों का विस्तार अब सभी 75 जिलों में किया जाए और वर्तमान में जिला स्तर पर संचालित साइबर सेल का विस्तार किया जाए।
सीएम योगी के इस निर्देश के बाद अगले दो महीने के भीतर प्रदेश में 57 नए साइबर क्राइम थाने स्थापित किए जाएंगे, जबकि हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क के अलावा अब साइबर सेल भी क्रियाशील होगी। सभी साइबर पुलिस अपराध स्टेशन स्थानीय पुलिस लाइन में स्थापित किए जाएंगे।
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समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने कहा कि हाल के दिनों में तकनीक के दुरुपयोग से अपराध की प्रकृति भी बदली है। आजकल कस्टमर केयर फ्रॉड, पेंशन फ्रॉड, बिजली बिल फ्रॉड, वर्क फ्रॉम होम फ्रॉड, सेक्स्टरसन फ्रॉड, लोन ऐप फ्रॉड, पार्सल फ्रॉड, फ्रेंचाइजी फ्रॉड, फर्जी बेटिंग ऐप, क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, पोंजी स्कीम फ्रॉड के मामले देखने को मिल रहे हैं। इसका सीधा शिकार आम आदमी हो रहा है। इससे बचने के लिए हमें हर स्तर पर सावधानी बरतनी होगी।
सीएम योगी ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। हमें इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए।’ इसके अलावा बीएसए/डीआईओएस को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण देकर पहले चरणबद्ध तरीके से प्रधानाचार्यों/शिक्षकों और फिर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाए। मुख्यमंत्री ने जागरूकता सामग्री तत्काल तैयार कर लागू करने के निर्देश दिये. वहीं, साइबर अपराधों की जांच और अनुसंधान के लिए पुलिस बल के समुचित प्रशिक्षण की आवश्यकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले से 5 पुलिस अधिकारियों को राज्य स्तर पर प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी अपने जिले के प्रत्येक थाने से 5 निरीक्षक/उपनिरीक्षकों को सिट्रन पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रम के संबंध में प्रशिक्षित करें।
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