PACC: अब गांव के लोगों को भी मिलेगी सस्ती दवा- शाह

प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां आम नागरिकों तक पहुंचाई जाती हैं, जो खुले बाजार की ब्रांडेड दवाइयों के मुकाबले 50-90 फीसदी तक सस्ती होती हैं।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि अब प्राथमिक कृषि ऋण समिति (PACC) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी सस्ती दवा (Affordable medicine even in rural areas) उपलब्ध कराई जाएगी। मोदी सरकार ने पैक्स के माध्यम से प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र (Pradhan Mantri Jan Aushadhi Kendra) खोलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण भारत को भी सस्ती दवा उपलब्ध कराई जा सकेगी।

राष्ट्रीय पैक्स महासंगोष्ठी’ का उद्घाटन
सोमवार को विज्ञान भवन में आयोजित ‘राष्ट्रीय पैक्स महासंगोष्ठी’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से लोगों को रियायती दरों पर जेनेरिक दवा उपलब्ध कराई जा रही हैं। जन औषधि केन्द्र की वजह से अभी तक लोगों की 26 हजार करोड़ रुपये बचत हो चुकी है।

दो लाख पैक्स बनाने की दिशा में काम कर रहा सहकारिता मंत्रालय 
शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय आने वाले समय में दो लाख पैक्स बनाने की दिशा में काम कर रहा है। पैक्स सहकारिता आंदोलन की रीढ़ की तरह है। पैक्स के माध्यम से पेट्रोल पंप खोलने से लेकर रेलवे की टिकट करने तक और राशन की दुकान से लेकर रासायनिक खाद बेचने का कार्य किया जा रहा है। पैक्स को अभी तक कुल 22 सेवाओं के लिए चुना गया है। पैक्स अनाज भंडारण से लेकर किसानों को रासायनिक खाद छिड़काव के लिए ड्रोन उपलब्ध कराने का कार्य भी करेंगे। देशभर में 28 हजार पैक्स कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) बन चुकी हैं। ये पैक्स राज्य और केन्द्र की लगभग 300 से अधिक सेवाओं को लोगों तक पहुंचा रही हैं।

जन औषधि केन्द्र खोलने के लिए 4400 से अधिक ऑनलाइन आवेदन
शाह ने कहा कि देशभर से 4400 से अधिक पैक्स की तरफ से भारत सरकार की औषधि विभाग के पोर्टल पर जन औषधि केन्द्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया है। जिनमें से 2300 से अधिक समितियों को प्राथमिक अनुमोदन प्राप्त हो चुके हैं और 146 पैक्स/सहकारी समितियां जन औषधि केन्द्रों के रूप में कार्य करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार भी हो चुकी हैं।

आम नागरिकों तक पहुंचाई जाती है जेनेरिक दवाएं
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां आम नागरिकों तक पहुंचाई जाती हैं, जो खुले बाजार की ब्रांडेड दवाइयों के मुकाबले 50-90 फीसदी तक सस्ती होती हैं। इन केन्द्रों पर 2000 से अधिक प्रकार की जेनेरिक दवाइयां व लगभग 300 सर्जिकल उपकरण उचित मूल्य पर आम जनता के लिए उपलब्ध हैं।(हि.स.)

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