पैन (PAN) और आधार कार्ड (Aadhar Card) को लिंक (Link) करने के बाद अब वोटिंग कार्ड (Voting Card) को भी आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। चुनाव आयोग (Election Commission) ने यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के फैसले और संविधान के प्रावधानों के अनुरूप लिया है। मंगलवार (18 मार्च) को दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय चुनाव आयोग ने वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का फैसला लिया है और इस संबंध में जल्द ही तकनीकी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श शुरू हो जाएगा।
संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के अनुसार, ईपीआईसी को आधार से जोड़ा जाएगा। इससे पहले पैन कार्ड को आधार से जोड़ने का निर्णय लिया गया था। अब वोटर कार्ड को भी आधार से जोड़ा जा सकेगा।
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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अगुवाई में चुनाव आयोग भवन में एक बैठक हुई। इस बार चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. इस अवसर पर केंद्रीय गृह सचिव विवेक जोशी, विधि विभाग, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित थे।
केवल भारतीय नागरिकों को ही वोट देने का अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, केवल भारतीय नागरिक ही मतदान कर सकेंगे। आधार कार्ड की मदद से व्यक्ति की पहचान की जाती है। इसलिए कहा जा रहा है कि वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का फैसला लिया गया है।
ये परिवर्तन संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) तथा डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/29023 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार किए जाएंगे। अब यूआईडीएआई और ईसीआई के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच परामर्श होगा।
प्रत्यारोपण कब होगा?
चुनाव आयोग इस निर्णय को लागू करने के लिए जल्द ही विशेषज्ञों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करेगा। केंद्र सरकार आवश्यक तकनीकी सुधार भी करेगी। वोटिंग कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए भी एक निश्चित अवधि दी जाएगी।
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