नूंह दंगों में आरोपित कांग्रेस के फिरोजपुर झिरका से विधायक मामन खान को सीजेएम जोगेंद्र सिंह के कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया। दो बार के रिमांड के बाद एसआईटी नूंह ने उन्हें कोर्ट में पेश किया। इसके साथ ही मामन खान पर अपने बयानों के कागजों पर साइन न करने का एक और केस दर्ज किया गया।
दरअसल, नूंह दंगों में आरोपित जयपुर से गिरफ्तारी के बाद विधायक मामन खान कोर्ट के आदेश पर चार दिन से पुलिस रिमांड पर थे। कोर्ट ने पहली बार में उन्हें दो दिन के पुलिस रिमांड पर दिया था। इसके बाद एसआईटी ने एक अन्य एफआईआर में फिर उन्हें दो दिन के रिमांड पर लिया था। रिमांड की अवधि समाप्त होने पर 19 सितंबर को पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया।
20 मिनट तक चली बहस
कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच करीब 20 मिनट तक बहस चली। एसआईटी ने कोर्ट को बताया कि कांग्रेस विधायक मामन खान जांच में सहयोग नहीं कर रहे है। मामन खान ने अपने जो बयान दर्ज कराए, उन पर हस्ताक्षर करने से भी मना कर दिया। ऐसे में जांच को आगे बढ़ाने में परेशानी आ रही है। बिना हस्ताक्षर के बयान के कागजों को सत्यापित नहीं किया जा सकता। ऐसे में मामन खान पर एसआईटी ने धारा 180 के तहत भी एक केस दर्ज किया गया है। इसके बाद कोर्ट ने मामन खान को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
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बयानों पर नहीं किया हस्ताक्षर
एसआईटी के समक्ष रिमांड पर पूछताछ के दौरान नूंह दंगों के आरोपित विधायक मामन खान ने घटना से संबंधित खुलासे तो कई किए, लेकिन उन्होंने अधिकारिक तौर पर बयानों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। ऐसे में उन बयानों का कोई औचित्य या सत्यता नहीं रह जाती। मामन खान को कोर्ट ने जेल भेजे जाने के बाद उनके वकीलों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मामन खान के खिलाफ फेक मुकदमा दर्ज किया गया है। अगले सप्ताह कोर्ट में मामन की जमानत अर्जी लगाई जाएगी।