Mumbai: बिना तकनीकी ज्ञान वाले अधिकारी संभालते हैं अग्निशमन वाहनों की जिम्मेदारी, अब उठ रही है ये मांग

1965 से पहले मंडल स्तर पर प्रत्येक फायर स्टेशन अपने वाहनों की मरम्मत स्वयं करता था। सबसे पहले इन सभी वाहनों को संभालने के लिए तकनीकी विभाग में 1965 में केंद्र अधिकारी (मुख्य कार्यकारी) का पद बनाया गया था।

233

Mumbai fire brigade के लिए 77 करोड़ रुपये की लागत से सात अत्याधुनिक अग्निशमन वाहन फ्रांस से आयात(Seven state-of-the-art fire fighting vehicles imported from France) किए जा रहे हैं। हालांकि, यह बात सामने आई है कि मुंबई फायर ब्रिगेड विभाग(Mumbai Fire Brigade Department) के पास इन वाहनों को संभालने के लिए सक्षम अधिकारियों की कमी(Lack of competent officers to handle vehicles) है। उनको यह पता नहीं है, कि ये वाहन वास्तव में सही क्षमता के हैं या नहीं। इस बीच हाल ही में फायर ब्रिगेड के अधिकारी फ्रांस गए थे। फ्रांस में निर्मित आधुनिक सुविधाओं से लैस अग्निशमन वाहनों( को मुंबई फायर ब्रिगेड में शामिल किया जाएगा। एक गाड़ी की कीमत करीब 11 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी का पद वर्षों से रिक्त
फायर ब्रिगेड में उप मुख्य अधिकारी (तकनीकी) यह जांचने के लिए जिम्मेदार हैं कि वाहन अच्छी स्थिति में है या नहीं। लेकिन यह पद 2021 से खाली है। मैकेनिक और मोटर मैकेनिक का ज्ञान न रखने वाले उप मुख्य अग्निशमन अधिकारियों को इस रिक्त पद पर इंजीनियर नियुक्त किए बिना वाहन खरीदने के लिए विदेश भेजा जा रहा है। फायर ब्रिगेड की प्रत्येक गाड़ी की जिम्मेदारी भी एक ही गैर तकनीकी अधिकारी को दी गई है।

विशेषज्ञ इस बात को लेकर आशंकित
ऐसे में अगर भविष्य में करोड़ों रुपये खर्च कर खरीदे गए वाहन बेकार हो जाएं तो सवाल उठना स्वभाविक है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा। विशेषज्ञों को शंका है कि इन गाड़ियों की सही तरीके से जांच न करने की वजह से बड़ा हादसा हो सकता है और मुंबईकरों की जान को खतरा हो सकता है। मुंबई फायर ब्रिगेड के पास आज लगभग 350 अग्निशमन वाहन हैं। प्रत्येक फायर स्टेशन में वाहनों की मरम्मत के लिए गैरेज है। बायखला और मरोल में भी बड़ी कार्यशालाएं हैं।

मुंबई अग्निशमन विभाग पर बड़ी जिम्मेदारी
अत्यधिक संवेदनशील विभाग होने के नाते, अग्निशमन विभाग पर मुंबईकरों की जान को दुर्घटनाओं से बचाने की एक बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए, यहां वाहनों की नियमित मरम्मत की जाती है। साथ ही समय-समय पर आधुनिक सुविधाओं से लैस और अग्नि सुरक्षा से लैस गाड़ियां विदेशों से मंगाई जाती हैं। गाड़ियों की सारी जिम्मेदारी फायर ब्रिगेड के उप मुख्य अधिकारी (तकनीकी) को सौंपी गई थी।

पहले की व्यवस्था
पहले यानी 1965 से पहले मंडल स्तर पर प्रत्येक फायर स्टेशन अपने वाहनों की मरम्मत स्वयं करता था। सबसे पहले इन सभी वाहनों को संभालने के लिए तकनीकी विभाग में 1965 में केंद्र अधिकारी (मुख्य कार्यकारी) का पद बनाया गया था। इस पद के लिए मोटर मैकेनिकल इंजीनियर की भर्ती की गई थी। इस पद पर इंजीनियर 25 वर्षों तक सेवा देने के बाद सहायक मंडल अधिकारी (कार्यकारी निदेशक) के पद से सेवानिवृत्त हुए।

जूनियर इंजीनियर की नियुक्ति
इसी बीच 1984 में नगर निगम के सिटी इंजीनियर्स ने फायर ब्रिगेड में एक जूनियर इंजीनियर की नियुक्ति कर दी। इसके अलावा मोटर मैकेनिकल और मैकेनिक्स विभागों के इंजीनियर होने के कारण इन्हीं जूनियर इंजीनियरों को वर्ष 1992 में आधिकारिक चयन द्वारा केंद्र अधिकारी (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) का पद दिया गया था। उन्होंने केंद्रीय अधिकारी (मुख्य कार्यकारी), फिर सहायक मंडल अधिकारी और आगे उप मुख्य अधिकारी (तकनीकी) के रूप में कार्य किया। वह 38 साल तक फायर फाइटर रहे। 2021 में सेवानिवृत्त होने के बाद, उप मुख्य अधिकारी (तकनीकी) के पद पर किसी इंजीनियर को नियुक्त किए बिना उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी को पद का पूर्ण प्रभार दिया गया है।

Madhya Pradesh Politics: कमलनाथ छोड़ेंगे हाथ का साथ, थामेंगे कमल?

कैडर पर वाहनों के रखरखाव की जिम्मेदारी
वर्तमान में उप मुख्य अधिकारी (तकनीकी) के पद पर किसी अभियंता की नियुक्ति न कर कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, द्वितीय अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता का एक कैडर बनाया गया है। इस कैडर को वाहनों के रखरखाव और मरम्मत का काम सौंपा गया है और यह सभी दैनिक रिपोर्ट उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी को सौंपता है।

उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी को वाहनों के बारे में कोई जानकारी नहीं
उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी को वाहनों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह किसी मैकेनिकल और मोटर मैकेनिकल विषय में इंजीनियर स्नातक नहीं हैं। वाहनों के बारे में कोई जानकारी न रखने वाले उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी को वाहनों के बारे में दैनिक रिपोर्ट सौंपने के बाद सवाल उठता है कि वह किस आधार पर निष्कर्ष निकालेंगे और उन पर निर्णय लेंगे।

विदेश से आने वाले वाहनों की जिम्मेदारी उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी को सौपना कितना उचित
उन्हें वाहनों के बारे में कोई जानकारी नहीं होने के बावजूद विदेश से वाहन लाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। मांग की जा रही है कि महानगरपालिका प्रशासन इस पर गंभीरता से संज्ञान ले और तत्काल उप मुख्य पदाधिकारी (तकनीकी) के पद पर एक इंजीनियर की नियुक्ति कर उसे वाहनों की जिम्मेवारी सौंपे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.