पर्वतारोहण (Mountaineering) के क्षेत्र में ‘शिखर सावरकर पुरस्कार 2024’ (Shikhar Savarkar Award 2024) शुक्रवार (11 अक्टूबर) को ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ (Swatantryaveer Savarkar National Smarak) द्वारा पद्मश्री चंद्रप्रभा ऐतवाल (Padmashree Chandraprabha Aitwal) को प्रदान किया गया। उन्हें ‘शिखर सावरकर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड-2024’ (Shikhar Savarkar Lifetime Achievement Award-2024) से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री चंद्रप्रभा ऐतवाल ने कहा कि मुझ जैसी पर्वतारोही को 83 वर्ष की आयु में सम्मान दिया जा रहा है। इसके लिए मैं वीर सावरकर स्मारक और स्मारक के पदाधिकारियों को धन्यवाद देती हूं।
चंद्रप्रभा ऐटवाल ने आगे कहा कि मैंने 1972 में पर्वतारोहण के क्षेत्र में कदम रखा और कई पुरस्कार प्राप्त किए। लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर मैं युवाओं से कहूंगी कि उन्हें जीवन में कम से कम एक बार ऊंचाइयों पर पहुंचने की कोशिश जरूर करनी चाहिए। क्योंकि, ऊंचाइयों से ही नए अनुभव प्राप्त किए जा सकते हैं। चंद्रप्रभा ऐटवाल ने कहा, केवल रिकॉर्ड के लिए नहीं बल्कि आत्म संतुष्टि के लिए चढ़ाई करनी चाहिए।
पद्मश्री चंद्रप्रभा ऐतवाल के बारे में
चंद्रप्रभा ऐतवाल (जन्म 24 दिसंबर 1941) एक भारतीय पर्वतारोही हैं और भारतीय महिला पर्वतारोहियों में अग्रणी हैं। उन्हें भारतीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा 2009 में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। चंद्रप्रभा ऐटवाल ने हिमालय पर्वतारोहण में उस समय उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जब पर्वतारोहण के क्षेत्र में पुरुषों का एकाधिकार था।
बता दें कि चंद्रप्रभा ऐतवाल न केवल भारतीय हिमालय बल्कि दुनिया भर की पर्वत श्रृंखलाओं में विभिन्न प्रकार के पर्वतारोहण रोमांच के लिए गौरवपूर्ण स्थान रखती हैं। इसलिए चंद्रप्रभा ऐतवाल को पूरे पर्वतारोहण समुदाय में ‘दीदी’ की स्नेहपूर्ण और सम्मानजनक उपाधि से जाना जाता है। उनके कार्यों के सम्मान में उन्हें भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया है।
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