मुंबई। कोरोना संक्रमण के बेलगाम होते मामलों को देखते हुए राज्यों में मची होड़ के बीच केंद्र सरकार को शुक्रवार को दिशा निर्देश जारी करना पड़ा। महाराष्ट्र की ओर से मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन सप्लाई रोके जाने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऐसा लेटर लिखकर कहा है कि मेडिकल ऑक्सीजन के मूवमेंट पर प्रतिबंध ना लगाएं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आपस में ऑक्सीजन आपूर्ति को बाधित ना करें। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि अस्पतालों में भर्ती सभी कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना राज्यों की जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य सचिव ने यह भी दोहराया कि कोविड-19 के मध्यम और गंभीर रोगियों के इलाज के लिए पर्याप्त और निर्बाध मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति आवश्यक है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी। आने वाले दिनों में कोविड-19 के मामले बढ़ने की विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी के मद्देनजर राज्य सरकार ने अस्पतालों को 80 प्रतिशत और उद्योगों को 20 प्रतिशत ऑक्सीजन सिलेंडर देने का फैसला किया है। महाराष्ट्र की ओर से ऑक्सीजन की सप्लाई रोके जाने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की और उनसे ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित किए जाने का अनुरोध किया।
ठाकरे से बातचीत के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने यथासंभव मदद का भरोसा दिया है। चौहान ने बताया कि इसके अलावा राज्य सरकार ने वैकल्पिक व्यस्थाएं की हैं। पहले मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता 50 टन थी, जो अब 120 टन कर दी गई है। 30 सितंबर तक इसे 150 टन किया जाएगा। महाराष्ट्र की आइनोक्स कंपनी नागपुर के प्लांट से मध्यप्रदेश को 20 टन ऑक्सीजन सप्लाई करती थी। अब यही कंपनी गुजरात और उत्तरप्रदेश से मध्यप्रदेश को 20 टन ऑक्सीजन मुहैया कराएगी।