PACS देश के सहकारिता आंदोलन की मूल इकाई, जानिये कार्य और लाभ

PACS देश में सहकारिता की रीढ़ हैं और इनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में CSC सेवाओं की डिलिवरी से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। PACS देश के सहकारिता आंदोलन की मूल इकाई हैं, इसीलिए मोदी सरकार इनकी व्यवहार्यता में सुधार के निर्तर प्रयास कर रही है।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 21 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली में प्राथमिक कृषि ऋण समिति (PACS) द्वारा Common Service centre (CSC) की सेवाएं शुरू करने पर एक राष्ट्रीय महासंगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम में PACS द्वारा CSC की सेवाएं प्रदान किए जाने से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। अब तक कुल 17000 PACS, CSC पोर्टल पर ऑनबोर्ड हो चुके हैं, जिनमें से 6,000 से अधिक PACS, CSC के रूप में सेवाएं देना शुरू कर रहे हैं

PACS देश में सहकारिता की रीढ़ हैं और इनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में CSC सेवाओं की डिलिवरी से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। PACS देश के सहकारिता आंदोलन की मूल इकाई हैं, इसीलिए मोदी सरकार इनकी व्यवहार्यता में सुधार के निर्तर प्रयास कर रही है। ग्रामीणों को क्रेडिट सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सहकारिता मंत्रालय के पास देशभर में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) का एक बड़ा नेटवर्क है।

मोदी सरकार देश में पहली बार PACS के कम्प्यूटरीकरण पर काम कर रही है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य PACS की गतिविधियों में पारदर्शिता और इनके वित्तीय अनुशासन में सुधार लाना है। PACS को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार, राष्ट्रीय सहकारिता विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय सहकारी नीति और सहकारी डेटाबेस बना रही है। PACS को बहुद्देशीय बनाकर पीएम मोदी ने किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बीज, जैविक खेती के विपणन और किसानों की उपज के निर्यात के लिए बहुराज्यीय सहकारी समितियों का गठन किया गया है।

सहकारिता मंत्रालय द्वारा सभी स्टॉकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किए गए मॉडल बायलॉज़, PACS को डेयरी, मत्स्य पालन, गोदाम, कस्टम हायरिंग केंद्र, उचित मूल्य की दुकानों, एलपीजी/डीजल/पेट्रोल डिस्ट्रीब्यूटरशिप, आदि सहित 25 से अधिक आर्थिक गतिविधियों को शुरू करके अपने व्यवसाय में विविधता लाने में सक्षम बनाएंगे।

इसके अलावा, संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से, पीएसीएस को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में कार्य करने, एफपीओ बनाने, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन करने, खुदरा पेट्रोल/डीजल पंप आउटलेट खोलने, जन औषधि केंद्र खोलने, उर्वरक वितरण केंद्रों के रूप में काम करने आदि के लिए भी सक्षम बनाया गया है। PACS के जरिए CSC सेवाओं की डिलिवरी इनके सुदृणीकरण की दिशा में नया कदम है, जिससे अब, PACS देश में कॉमन सर्विस सेंटर की तरह सुविधाएं भी दे सकेंगे और इसका लाभ देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले करोड़ों लोगों को मिलेगा। ग्रामस्तरीय सहकारी ऋण समितियां राज्य सहकारी बैंकों (State Cooperative Banks- SCB) की अध्यक्षता वाली त्रि-स्तरीय सहकारी ऋण संरचना में अंतिम कड़ी के रूप में काम करती हैं। PACS, विभिन्न कृषि और कृषि गतिविधियों के लिए किसानों को अल्पकालिक एवं मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करते हैं।

गौरतलब हो कि 02 फरवरी, 2023 को केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय इलेक्‍ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्‍णव की उपस्थिति में PACS को CSC द्वारा दी जाने वाली सेवाएं प्रदान करने के लिए एक समझौता हुआ। इस समझौते के तहत पहले चरण में 63,000 PACS को CSC के रूप में काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, और, दूसरे चरण में और तीस हज़ार PACS को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस महासंगोष्ठी का आयोजन सहकारिता मंत्रालय का विभाग, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC), CSC के सहयोग से कर रहा है।

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