पाकिस्तान में पेशावर की मस्जिद में हुए आतंकी विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 93 हो गई है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन तहरीक- ए- तालिबान (टीटीपी) ने ली है।
पाकिस्तान में अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में पुलिस लाइंस इलाके की एक मस्जिद में 30 जनवरी को नमाज के ठीक बाद दोपहर 1.40 बजे एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ाकर धमाका कर दिया था। इस धमाके की आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी। पेशावर पुलिस लाइन्स में मौजूद लोगों के मुताबिक विस्फोट के बाद आसमान में धूल और धुएं का गुबार छा गया। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक आत्मघाती हमलावर मस्जिद में नमाज के दौरान सबसे आगे की लाइन में था। नमाज पढ़ने के बाद उसने स्वयं को उड़ा लिया। घटना के बाद चारो ओर शव पड़े दिखे।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है। टीटीपी के मारे गए कमांडर उमर खालिद खुरासानी के भाई ने दावा किया कि आत्मघाती हमला उसके भाई की मौत का बदला लेने के लिए किया गया, जो पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में मारा गया था। पाकिस्तानी तालिबान के नाम से जाने वाले टीटीपी ने इससे पहले भी पाकिस्तान में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए कई आत्मघाती हमले किए हैं।
सुरक्षा घेरे को भेदते हुए हमलावर ने कराया विस्फोट
पेशावर के पुलिस अधीक्षक (जांच) शाजाद कौकब ने मीडिया को बताया कि नमाज अदा करने के लिए वे मस्जिद में घुसे ही थे कि विस्फोट हो गया। वह सौभाग्यशाली थे कि हमले में बच गए। कौकब का दफ्तर मस्जिद के करीब ही है। पुलिस लाइंस स्थित मस्जिद चार स्तरीय सुरक्षा घेरे में थी। इन सभी सुरक्षा घेरे को भेदते हुए हमलावर मस्जिद में घुसने में सफल रहा और अग्रिम पंक्ति में पहुंच गया। पेशावर के पुलिस महानिरीक्षक मुअज्जम जाह अंसारी ने कहा है कि पुलिस विस्फोट की जांच कर रही है और यह पता लगा रही है कि हमलावर इस अति सुरक्षा वाली मस्जिद में कैसे घुसा।