Pakistan: एक और भारत के दुश्मन की अज्ञात लोगो ने की हत्या, जानें कौन था मुफ़्ती अब्दुल बाक़ी नूरज़ई

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) के वरिष्ठ नेता 'मुफ़्ती अब्दुल बाक़ी नूरज़ई' की क्वेटा एयरपोर्ट के पास अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी है। हमलावरों ने मुफ़्ती पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं।

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Pakistan: जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (Jamiat Ulema-e-Islam) (JUI) के वरिष्ठ नेता मुफ़्ती अब्दुल बाक़ी नूरज़ई (Mufti Abdul Baqi Noorzai) की पाकिस्तान के क्वेटा (Quetta) में एयरपोर्ट रोड (Airport Road) पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) के वरिष्ठ नेता ‘मुफ़्ती अब्दुल बाक़ी नूरज़ई’ की क्वेटा एयरपोर्ट के पास अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी है। हमलावरों ने मुफ़्ती पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं।

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अस्पताल में भर्ती
पुलिस के अनुसार, हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल अधिकारियों ने पुष्टि की कि मुफ्ती अब्दुल बाक़ी नूरज़ई की गंभीर चोटों के कारण मृत्यु हो गई। सुरक्षा बलों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है, लेकिन हमलावर मौके से भाग गए हैं। क्वेटा में यह लगातार तीसरी बड़ी घटना है।

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घातक आतंकवादी हमला
जम्मू-कश्मीर में कई घातक आतंकवादी हमलों के लिए वांछित लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर जिया-उर-रहमान उर्फ ​​नदीम उर्फ ​​अबू कताल उर्फ ​​कताल सिंधी को शनिवार शाम पंजाब प्रांत के झेलम इलाके में मार गिराया गया। रहमान को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का भरोसेमंद सहयोगी माना जाता था। वह जम्मू-कश्मीर के पुंछ-राजौरी इलाके में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। रहमान ने 2000 के प्रारम्भ में जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ की और 2005 में पाकिस्तान लौट गया। पुंछ और राजौरी में उसका आतंकवादी सहयोगियों का एक मजबूत नेटवर्क था।

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21 घायल
हाल के दिनों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है। रविवार (16 तारीख) को क्वेटा से ताफ्तान जा रहे सेना के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में सात सैनिक मारे गए और 21 घायल हो गए। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि इसमें 90 सैनिक मारे गए। इसके अलावा, 11 मार्च को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को बीएलए विद्रोहियों ने अपहरण कर लिया था। पिछले तीन वर्षों में अज्ञात बंदूकधारियों ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के एक दर्जन से अधिक आतंकवादियों की हत्या कर दी है।

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