Pakistan: बलूचिस्तान के तुर्बत में मुफ़्ती शाह मीर की गोली मारकर हत्या, जानें कुलभूषण जाधव के अपहरण से क्या है संबंध

वह नमाज़ के बाद मस्जिद से बाहर निकल रहे थे, तभी बंदूकधारियों ने उन पर गोलियां चला दीं। उन्हें गंभीर चोटें आईं और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ बाद में उनकी मौत हो गई।

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Pakistan: प्रसिद्ध मुस्लिम ‘मौलाना’ मुफ़्ती शाह मीर (Mufti Shah Mir), जिन्होंने कथित तौर पर कुलभूषण जाधव का अपहरण (Kulbhushan Jadhav kidnapping) करने में पाकिस्तान (Pakistan) की ISI की मदद करने में अहम भूमिका निभाई थी, को बलूचिस्तान (Balochistan) के तुर्बत (Turbat) में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार )(shoot) दी। मीर कथित तौर पर पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरपंथी राजनीतिक (Islamic fundamentalist political party) दल JIU-F के करीबी थे।

शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, वह नमाज़ के बाद मस्जिद से बाहर निकल रहे थे, तभी बंदूकधारियों ने उन पर गोलियां चला दीं। उन्हें गंभीर चोटें आईं और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ बाद में उनकी मौत हो गई।

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अधिकारियों ने घटना की जाँच शुरू
बलूचिस्तान के तुर्बत का निवासी मुफ़्ती शाह मीर ISI के निर्देशों के तहत काम करता था और अवैध मानव तस्करी में लिप्त था। इस आड़ में वह नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी में गहराई से शामिल था। एक आतंकवादी के रूप में अपने छद्म को मजबूत करने के लिए, वह अक्सर पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों में जाता था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसे चरमपंथी नेटवर्क का सक्रिय सदस्य माना जाए। उसकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक पाकिस्तान से भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ में सहायता करना था।

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अफगानिस्तान में अपनी पहुंच का विस्तार
आईएसआई के निर्देशों पर काम करते हुए, शाह मीर ने अफगानिस्तान में अपनी पहुंच का विस्तार किया, जहां उसने खुद को आतंकवादी के रूप में पेश किया और गुप्त रूप से पाकिस्तानी सेना को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी मुहैया कराई। उसने पाकिस्तान से आजादी के लिए लड़ रहे विद्रोही समूहों के बारे में सटीक जानकारी दी, जिसकी खुफिया जानकारी की बदौलत पाकिस्तानी सेना इन गुटों के खिलाफ महत्वपूर्ण अभियान शुरू करने में सक्षम हुई। ये हमले, जो अंदरूनी जानकारी के बिना असंभव होते, विद्रोही समूहों के बीच व्यापक अशांति का कारण बने।

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