उत्तर प्रदेश में आतंकवाद फैलाने के लिए सीमा पार पाकिस्तान से फंडिंग की जा रही है। एटीएस ने गिरफ्तार किए गए सात आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर यह खुलासा किया है। इन आतंकियों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस की जांच टीम गाजियाबाद के फरीदनगर स्थित केनरा बैंक तक पहुंची जहां पर फंडिंग का खुलासा किया गया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले एक महीने में करीब 70 लाख रुपये की फंडिंग की गई है जिससे उत्तर प्रदेश में त्योहार के मौकों पर आतंकी साजिश को अंजाम दिया जा सके। पुख्ता जानकारी मिलने के बाद एटीएस ने पाकिस्तान के एक अज्ञात स्लीपर सेल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
गाजियाबाद के फरीदनगर में केनरा बैंक में खोला गया खाता रियाजुद्दीन नाम के किसी व्यक्ति के नाम से खोला गया है। जबकि मोबाइल नंबर बिहार के चंपारण जिले के इज़हारुल हुसैन नाम के व्यक्ति का दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आतंकियों से प्राप्त इनपुट के आधार पर जानकारी मिली है कि यह खाता इजहार उल हुसैन ही ऑपरेट कर रहा था। एटीएस का मानना है कि पाकिस्तान में बैठे उनके आका किसी बड़े हमले की तैयारी कर रहे थे। वह धार्मिक स्थान सरकारी प्रतिष्ठानों आदि को निशाना बनाने की फिराक में थे।
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कॉलिंग एप से करते थे बातचीत
एटीएस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में और अस्थिरता फैलाने के लिए पाकिस्तानी एजेंट अपने पाकिस्तानी हैंडलर से बातचीत के लिए विभिन्न तरह के कॉलिंग ऐप का प्रयोग करते थे। इससे पहले एटीएस ने 4 नवंबर को तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था जिसमें से दो की गिरफ्तारी अलीगढ़ से हुई थी। इन तीनों से पूछताछ के बाद ही मिली जानकारी के बाद एटीएस ने चार और आतंकियों को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार आतंकियों के नाम राकीब, नुमान, नाजिम बताया गया है। आरोपितों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। एटीएस ने दावा किया है कि एक मुस्लिम छात्र संगठन स्टूडेंट आफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी देश विरोधी गतिविधि चलाने में संलग्न है। यह संगठन देश विरोधी गतिविधियों के संचालन के साथ ही आईएसआईएस में भर्ती करवा रहा है। जो कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर है।
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