बांग्लादेश (Bangladesh) में सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में आरक्षण (Reservation) के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन (Protest) के कारण प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा। बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने आखिरकार इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया। अब बांग्लादेश की कमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान (Army Chief General Waqar-uz-Zaman) के हाथों में है।
बांग्लादेश की इतनी बुरी हालत के लिए कौन जिम्मेदार है? मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की साजिश हो सकती है या चीन का हाथ हो सकता है, क्योंकि भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छी दोस्ती की वजह से चीन बांग्लादेश में दखल नहीं दे पा रहा था।
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— Sajeeb Wazed (@sajeebwazed) August 5, 2024
आईएसआई का हाथ
एबीपी न्यूज के अनुसार, खुफिया रिपोर्ट में यह बात सामने आ रही है कि बांग्लादेश में जो हालात हैं, उसके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने का पता चलता है। पाकिस्तान ने हिंसा भड़काने के लिए छात्र शिविर नामक संगठन का इस्तेमाल किया है। यह छात्र शिविर संगठन जमात-ए-इस्लामी का हिस्सा है, जो बांग्लादेश में प्रतिबंधित है। वहीं, जमात-ए-इस्लामी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन प्राप्त है।
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के अधिकारी सऊदी अरब में तारिक रहमान और आईएसआई अधिकारियों के बीच बैठकों के सबूत होने का दावा कर रहे थे।
बता दें कि पिछले दो दिनों में हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में 100 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। बांग्लादेश में छात्रों का विरोध पिछले महीने विवादास्पद नौकरी आरक्षण योजना के खिलाफ़ शुरू हुआ था। यह विरोध प्रदर्शन बाद में सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया। इस विवादास्पद आरक्षण व्यवस्था के तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले लोगों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था।
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