Murshidabad violence: अर्द्धसैनिक बलों ने रातभर चलाया तलाशी अभियान, सवालों के घेरे में ममता सरकार

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक पार्टियां धर्म के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश कर रही हैं, हालांकि भाजपा ने उन पर दंगाईयों से मिले होने का आरोप लगाया है।

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Murshidabad violence: पश्चिम बंगाल(West Bengal) के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून में संशोधन(Amendment in Waqf Act) के खिलाफ 12 और 13 अप्रैल को लगातार हुई दो दिनों तक हिंसा(Violence continued for two days) में अब तक तीन लोगों की मौत(Three people died) हो गई, जबकि अब तक 138 लोगों को गिरफ्तार(138 people arrested) किया जा चुका है। मृतकों में एक पिता-पुत्र की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या(Father-son murdered) की गई और एक युवक की सुरक्षा बलों(Security forces) की फायरिंग में मौत होना बताया जा रहा है। हालात को काबू में करने के लिए 12 अप्रैल को रातभर अर्धसैनिक बलों(Paramilitary forces) ने सूती और शमशेरगंज समेत कई संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान(Search operation in sensitive areas) चलाया और 13 अप्रैल की सुबह भी रूट मार्च जारी रहा।

कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल की देर शाम को स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आदेश दिया था कि मुर्शिदाबाद समेत राज्य के अन्य संवेदनशील इलाकों में अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएं। अदालत ने स्पष्ट कहा कि वह राज्य में हो रही तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाओं पर आंख मूंदकर नहीं बैठ सकती। इसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के अनुरोध पर स्थानीय स्तर पर पहले से मौजूद बीएसएफ के लगभग 300 जवानों के अतिरिक्त पांच और कंपनियों को तैनात किया है।

हिंसा प्रभावित इलाकों में रात भरी चली गश्त
उधर 12 अप्रैल को रातभर अर्द्धसैनिक बल की टीमें हिंसा प्रभावित इलाकों में गश्त करती रहीं। बलों ने न सिर्फ निगरानी की, बल्कि पीड़ित परिवारों से संवाद कर उन्हें सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया। राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने रविवार सुबह नौ बजे से संयुक्त रूट मार्च की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य लोगों में विश्वास बहाल करना और दोबारा किसी प्रकार की अफरा-तफरी को रोकना है। हालांकि मुर्शिदाबाद में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं, लेकिन अर्धसैनिक बलों की तैनाती, पुलिस की सक्रियता और हाईकोर्ट की सख्ती के चलते स्थिति पर धीरे-धीरे नियंत्रण पाया जा रहा है। प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी असामाजिक तत्व की गतिविधियों की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।

पुलिसस ने सौंपी है संवेदनशील क्षेत्रों की सूची
तृणमूल सांसद खलीलुर रहमान ने जंगीपुर पुलिस जिले के पुलिस अधीक्षक को इलाके के संवेदनशील क्षेत्रों की सूची सौंपी है, जिससे केंद्र और राज्य की संयुक्त टीमें समय रहते उचित कार्रवाई कर सकें। वहीं पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार स्वयं हालात का जायजा लेने शमशेरगंज पहुंचे और रात को खुद रूट मार्च में शामिल हुए।

डरे-सहमे लोग मालदा पहुंचे
धुलियान इलाके में फैली हिंसा से डरकर हिंदू समुदाय के कई लोग रात के अंधेरे में नदी के रास्ते से भागकर मालदा जिले के पल्लारपुर गांव पहुंचे। वहां एक अस्थायी राहत शिविर में उन्हें ठहराया गया है। इनकी संख्या 100 से अधिक बताई जा रही है। राहत शिविर में रह रहे लोगों का कहना है कि वे अभी भी डरे हुए हैं और वापस जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।

राज्य पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
हिंसा प्रभावित इलाकों के लोगों का कहना है कि 11 अप्रैल की दोपहर से लेकर रात तक पुलिस कहीं नजर नहीं आई। सुजीत घोषाल ने बताया कि दंगाइयों ने खुद मुझे कहा कि यह तो बस ट्रेलर है, असली फिल्म अब शुरू होगी। रात 11 बजे तक हम वहीं थे, लेकिन कोई प्रशासनिक सहायता नहीं मिली। धुलियान के एक दुकानदार ने कहा कि 11 अप्रैल को जुम्मे की नमाज के बाद भीड़ सड़कों पर उतरी और 12 अप्रैल तक हिंसा जारी रही। मेरी दुकान को दंगाइयों ने जला दिया। मेरी पत्नी और बच्चे डरे हुए थे। उन्होंने मुझसे बाहर न निकलने की गुहार लगाई। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस भी डर के मारे घरों में छिप गई थी।

मुख्यमंत्री की अपील
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक पार्टियां धर्म के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश कर रही हैं और राज्य में अफवाहें फैलाकर माहौल बिगाड़ रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

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 लगातार हिंसा का शिकार बन रहे हैं हिंदू समुदाय के लोगः भाजपा
राज्य में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर हिंदुओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। भाजपा का दावा है कि धुलियान में 11 अप्रैल को हुए प्रदर्शन के दौरान कम से कम 35 हिंदू दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया।

मजूमदार ने ममता बनर्जी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं। मुख्यमंत्री के अधीन काम कर रही पुलिस दंगाइयों को खुली छूट दे रही है।

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