पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सेना के चल रहे हवाई अभ्यास के दौरान पैराशूट खराब होने से एक और पैराट्रूपर हुतात्मा हो गया । इस अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने की वजह से यह दूसरा हादसा हुआ है। अभी 13 दिन पहले 29 अगस्त को हुए इसी तरह की दुर्घटना में हाथरस के पैरा कमांडो हरवीर सिंह हुतात्मा हुए थे, जब हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने के बाद उनका पैराशूट नहीं खुला था।
पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर इन दिनों भारतीय सेना का हवाई अभ्यास चल रहा है। इसमें पैरा कमांडो हजारों फीट की ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने का अभ्यास कर रहे हैं। इस ट्रेनिंग में भारतीय थल सेना में कमांडो के पद पर कार्यरत उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी सूरजपाल पचौरी भी पैराशूट का प्रशिक्षण हासिल कर रहे थे।
10 सितंबर को करीब एक बजे के आसपास सूरजपाल विमान से पैराशूट लेकर नीचे उड़े लेकिन उनका पैराशूट नहीं खुल सका और वे हुतात्मा हो गए। शाम के करीब साढ़े पांच बजे कुछ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी भी शहीद जवान के घर पर पहुंच गये। सूरज अपने पीछे तीन छोटे बच्चे, पत्नी और मां को बिलखता हुआ छोड़ गए हैं। जवान का शव 11 सितंबर की देर रात तक आने की संभावना है।
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पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
इसी तरह 29 अगस्त को पूर्वी लद्दाख में युद्ध अभ्यास के दौरान हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने के बाद पैराशूट न खुलने से हाथरस के ही सादाबाद अंतर्गत बाराबाई गांव के पैरा कमांडो हरवीर सिंह हुतात्मा हुए थे। कमांडो हरवीर सिंह 2019 में पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक में भी शामिल थे। दूसरे दिन पैरा कमांडो का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बारामई लाकर अंतिम संस्कार किया गया था। फिलहाल हरवीर सिंह आगरा में तैनात थे। उन्हें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेना मेडल से नवाजा गया था।