भारत और नेपाल के रिश्ते पिछले करीब छह महीने से भले ही खराब चल रहे हों, लेकिन दोनों देश के लोगों में आज भी बेटी-रोटी के संबंध कायम हैं। यही वजह है कि सीमाओं को सील करना दोनों देशों के नागरिकों को पंसद नहीं आता। अब कोरोना काल में बंद किए गए इंडो-नेपाल बॉर्डर को फिर से खोलने की मांग जोर पकड़ने लगी है। नेपाली नागरिक भारतीय सीमा पर लगाए गए नेपाली बैरियर को हटाने की मांग करने लगे हैं। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि दोनों देशों के लोगो के बीच तय शादियां लंबे समय से बॉर्डर बंद रहने के कारण टूटने की कगार पर है।
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भारतीय प्रशासन ने खोल दी है सीमा
दरअस्ल इस मामले में भारत की ओर से हरी झंडी दे दी गई है। लेकिन नेपाल के बैरियर न हटाने के कारण दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही बंद है। इससे दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी के रिश्ते पर असर पड़ रहा है। बॉर्डर बंद होने से दोनों देशों के लोगों के बीच तय शादियां भी खतरे में पड़ गई हैं। इस वजह से नेपाल के नागरिकों में स्थानीय प्रशासन के साथ ही सरकार के प्रति भी भारी नाराजगी है। उनका आरोप है कि राजनैतिक स्वार्थ को लेकर सरकार ने लोगों के संबंधों पर आरी चलानी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि भारत की ओर से सीमा को खोल दिया गया है लेकिन नेपाल की ओर से बैरियर नहीं हटाने से लोगों की आवाजाही बंद है।
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मार्च 2019 से ही बंद है बॉर्डर
23 मार्च को ही दोनों देशों की सीमाओं को कोराना संक्रमण न फैले इसलिए बंद कर दिया गया था। अब करीब 10 महीने होने के बाद भी बॉर्डर नहीं खुलने से स्थानीय लोग नाराज हैं। उन्होंने बॉर्डर खोलने को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके बाद भारतीय एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं।
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रोजी-रोटी का भी संबंध
भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के साथ ही व्यावसायिक संबंध भी है। नेपाल के हजारों लोग अपने रोजमर्रा के सामान खरीदने भारत आते-जाते रहते हैं। लेकिन सीमा बंद होने के कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में लोग बॉर्डर खोलने के लिए प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं। नेपाल सरकार की ओर से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं आई है।