Bangladesh में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों और हिंदू सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ 16 दिसंबर को कोलकाता में ‘बंगाली हिंदू सुरक्षा समिति’ के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने रैली निकाली।
यह रैली सियालदह स्टेशन से शुरू होकर रानी रासमणि रोड तक पहुंची। लगभग दो किलोमीटर लंबी इस रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने दास की तत्काल रिहाई और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग की।
अल्पसंख्यकों के खिलाफ आवाज उठाने की सजा
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि दास, जो पहले बांग्लादेश इस्कॉन संगठन से जुड़े हुए थे, को अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हमलों की आवाज उठाने के कारण निशाना बनाया गया।
“बांग्लादेश में हिंदुओं के मंदिरों पर हमले बंद करो” जैसे लगाये नारे
प्रदर्शनकारियों ने भगवा झंडे और बैनरों के साथ “बांग्लादेश में हिंदुओं के मंदिरों पर हमले बंद करो” जैसे नारे लगाए। उन्होंने मांग की कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जिसे वर्तमान में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चलाया जा रहा है, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और दोषियों को सजा दे।
चिन्मय कृष्ण दास की तुरंत रिहाई की मांग
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने तख्तियों पर लिखा था, “बांग्लादेश हिंदुओं के ऊपर आक्रमण बंद करो” और “चिन्मय कृष्ण दास की तुरंत रिहाई चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों पर हमले बढ़ गए हैं और दास को इन मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए गिरफ्तार किया गया।
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रैली सियालदह स्टेशन से मौलाली होते हुए एस्प्लानेड-रानी रासमनी रोड पर समाप्त हुई, जहां प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार से अपील की कि अल्पसंख्यकों को शांति और सद्भाव के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया जाए।
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