पिछले कुछ दिनों से लव जेहाद और धर्मांतरण के खिलाफ हिंदू जनजागृति संस्था ने मोर्चा खोल दिया है। इसी क्रम में 5 फरवरी को मुंबई में हिंदू जनाक्रोश मोर्चा ने रैली का आयोजन किया गया। इस रैली के खिलाफ अर्जी को 2 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उठाया गया। वकील निजाम पाशा ने जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले को उठाते हुए इस रैली पर रोक की मांग की। तब कोर्ट ने कहा कि अगर चीफ जस्टिस अनुमति देते हैं तो 3 फरवरी को सुनवाई कर सकते हैं।
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हेट स्पीच का आरोप
इस रैली में हेट स्पीच का आरोप लगाते हुए रैली को रोकने की मांग की गई है। निजाम पाशा ने कहा कि मुंबई में हिंदू जनाक्रोश मोर्चा की ओर से 5 फरवरी को रैली आयोजित की गई है। तब जस्टिस के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पूछा कि हम हेट स्पीच के लिए 21 अक्टूबर 2022 को आदेश जारी कर चुके हैं। एक-एक मामले को लेकर भी आप आएंगे। तब पाशा ने कहा कि आपने अपने आदेश में ऐसी किसी घटना की जानकारी को स्थानीय अधिकारियों को बताने की स्वतंत्रता दी थी। इस आधार पर हमने अधिकारियों को सूचना दी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसकी वजह से हम कोर्ट आए हैं।