पेट्रोल और डीजल की बढटती कीमतों ने वाहनधारकों की चिंता बढ़ा दी। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा कीमतों में वृद्धि के कारण पेट्रोल की कीमत शतक लगाने के करीब पहुंच गई। राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल की कीमत 7 जनवरी को 96.10 रुपए प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल की कीमत 85.75 रुपए हो गई। जयपुर में इसकी कीमत 91.63 रुपए जबकि डीजल 83.64 रुपए प्रति लीटर हो गया।
राजधानी दिल्ली में 7 जनवरी को पेट्रोल की कीमत 84.20 रुपए रही। यह अब तक के उच्चतम स्तर पर है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 90.83 रुपए हो गई, जबकि डीजल का भाव 81.07 रुपए रहा। मुंबई में डीजल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
4 अक्टूबर 2018 का टूटा रिकॉर्ड
इससे पहले दिल्ली की अधिकतम कीमत चार अक्टूबर 2018 को 84 रुपए प्रति लीटर रही थी, जबकि डीजल की कीमत 75.45 रुपए प्रति लीटर थी। तब सरकार ने महंगाई के दबाव को कम करने और ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में 1-50 रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके साथ ही तेल कंपनियों ने कीमतों में एक रुपए प्रति लीटर की कमी की थी। लेकिन इस बार सरकार ने इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है।
ये भी पढ़ेंः अब अमेरिकी राष्ट्रपति हटाए जाएंगे?
कैसे बढ़ती है कीमत?
पेट्रोल व डीजल में एक्साइज ड्यूटी, डीलर के कमीशन और अन्य चीजों के जुड़ जाने के कारण इसका दाम दोगुना हो जाता है। अगर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों का वैट हटा दिया जाए तो पेट्रोल-डीजल के रेट करीब 27 रुपए लीटर रह जाते हैं। लेकिन केंद्र हो या राज्य सरकार दोनों किसी भी कीमत पर टैक्स नहीं हटा स सकतीं। इसका कारण यह है कि राजस्व का एक बड़ा हिस्सा यहीं से आता है।