बराकघाटी के करीमगंज जिला प्रशासन ने 28 सितंबर को जिले के बदरपुर थानांतर्गत भांगा स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) कार्यालय को सील कर दिया है। पीएफआई के दो सक्रिय सदस्यों लामाजुआर गांव के बजलुल करीम और भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीमगंज जिला मुख्यालय से सटे बिशकुट गांव के अबू सालेह असनुज्जमां की गिरफ्तारी के बाद यह कदम उठाया गया है।
जानकारी के अनुसार 28 सितम्बर को बदरपुर के प्रशासनिक मजिस्ट्रेट और क्षेत्राधिकारी की मौजूदगी में पुलिस भांगा स्थित पीएफआई कार्यालय में गई और उसे सील कर दिया।
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अब तक राज्य के आठ जिलों में पीएफआई के 36 नेताओं, कार्यकर्ताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो करीमगंज जिला के रहने वाले हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) हिरेन नाथ के हवाले से भांगा थानाध्यक्ष ने बताया कि कामरूप (ग्रामीण) जिला के पांच, ग्वालपाड़ा जिला के 10, करीमगंज जिला के दो, दरंग के एक, धुबरी के तीन, बरपेटा के दो, उदालगुड़ी के एक और बाक्सा जिले के दो कुल 25 पीएफआई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को बीते मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले 22 सितम्बर को असम के विभिन्न हिस्सों में मारे गए छापों में पीएफआई के 11 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। जबकि, उसके दूसरे दिन भी एक सदस्य को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार पीएफआई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर आपराधिक साजिश, राजद्रोह, विभिन्न समूहों के बीच विवाद पैदा करने और लोक सेवकों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के प्रयास जैसे अपराधों के लिए राज्य पुलिस की विशेष शाखा के साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी, 124-ए, 153-ए और 353 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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