2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का पीएफआई का षड्यंत्र? जानिये, पूर्व डीजीपी प्रवीण दीक्षित का क्या है दावा

पीएफआई भारत में विभिन्न स्थानों पर हिंसा फैलाकर 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने का षड्यंत्र रचा है।

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एनआईए और ईडी ने 22 सितंबर को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पीएफआई से जुड़े विभिन्न स्थानों पर देशभर में 100 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई। इन छापों में कई तरह के सबूत मिले हैं कि पीएफआई ने 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने के प्लान पर काम कर रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित ने हिंदुस्थान पोस्ट से बात करते हुए इस बारे में सनसनीखेज दावा किया है।

इस तरह तैयार किए जा रहे हैं आतंकी
पीएफआई द्वारा पिछले कुछ वर्षों से चलाई जा रही गतिविधियां काफी संदिग्ध हैं। महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल, कर्नाटक जैसे राज्यों में इस संगठन के माध्यम से आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। नुपूर शर्मा को धमकी देने वालों को भी पीएफआई ने भड़काया था। इसके साथ ही पीएफआई द्वारा पटना, फुलवारी शरीफ में एक प्रशिक्षण शिविर शुरू किया गया था। इसमें कम उम्र के लड़कों को आतंकी गतिविधियों के लिए हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता था। इसकी सूचना मिलते ही एनआई ने यहां पर बड़ी छापेमारी की थी। प्रवीण दीक्षित ने दावा किया कि यहां  से कुछ संदिग्ध दस्तावेज एनआईए के हाथ में आए हैं।

पीएफआई की कपटपूर्ण चाल
इसमें उल्लेख किया गया था कि गजवा-ए-हिंद के माध्यम से भारत में विभिन्न स्थानों पर हिंसा फैलाकर 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने का षड्यंत्र रचा है। बता दें कि पीएफआई उत्तर प्रदेश, दिल्ली, केरल और कर्नाटक में सांप्रदायिक दंगों में भी शामिल रहा है। प्रवीण दीक्षित ने इस परिप्रेक्ष्य में दावा किया कि सभी अवैध गतिविधियों में पीएफआई की प्रमुख भूमिका है।

खाड़ी देशों से वित्तीय सहायता
ईडी द्वारा प्राप्त दस्तावेजों से पता चलता है कि खाड़ी देशों से पीएफआई को वित्तीय सहायता मिल रही है। ईडी ने इस पर कार्रवाई की है और ऐसे 23 अवैध बैंक खातों को सील कर दिया है, जिनमें विदेशों से संदिग्ध पैसे आ रहे थे। बताया जा रहा है कि इन खातों के जरिए पीएफआई को 100 करोड़ से ज्यादा की आर्थिक मदद मिली है। ये काम पूरे भारत में पीएफआई के कार्यकर्ता कर रहे हैं। प्रवीण दीक्षित ने यह भी दावा किया है कि युवाओं को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए उकसाने के लिए कट्टरपंथी इस्लामिक धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

ऐसे लगाया जाएगा प्रतिबंध
पीएफआई को स्थायी रूप से प्रतिबंधित करने के लिए अब विभिन्न छापों से प्राप्त साक्ष्यों का इस्तेमाल किया जाएगा। उसके आधार पर इस संगठन की चल रही अवैध गतिविधियों की जानकारी सर्वोच्च न्यायालय कमेटी के सामने पेश करनी होगी। उसके बाद संगठन को छह महीने के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है। लेकिन इस प्रतिबंध को बरकरार रखने का फैसला सुप्रीम कोर्ट की कमेटी करती है। प्रवीण दीक्षित ने बताया कि इस कमेटी द्वारा हर सबूत की गहन जांच की जाती है।

यह कार्रवाई करने में बहुत देर हो चुकी है। लेकिन फिर भी इस कार्रवाई के कारण एक बहुत बड़ी साजिश रची गई है और ऐसे संगठनों के माध्यम से की जाने वाली राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को निश्चित रूप से रोका जाएगा, प्रवीण दीक्षित ने कहा।

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