प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार (29 दिसंबर) को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann ki Baat) के जरिए लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रयागराज (Prayagraj) में होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh) के बारे में भी लोगों को जानकारी दी और उन्हें संकल्प दिलाया। पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि जब हम कुंभ में भाग लें तो समाज में विभाजन और नफरत की भावना को खत्म करने का संकल्प लेकर लौटें।
पीएम मोदी ने 117वीं बार मन की बात में पूरे देश को संबोधित किया। यह 2024 का आखिरी एपिसोड (Last Episode) है। लोकसभा चुनाव के कारण मार्च, अप्रैल और मई के महीने में मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण नहीं हो पाया था। पीएम ने सबसे पहले लोगों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं।
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महाकुंभ 2025 में एआई का इस्तेमाल किया जाएगा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया (Digital India) का असर अब दिखने लगा है। डिजिटल नेविगेशन की मदद से आप महाकुंभ 2025 में विभिन्न घाटों, मंदिरों और साधुओं के अखाड़ों तक पहुंच सकेंगे। यह नेविगेशन सिस्टम आपको पार्किंग स्थलों तक पहुंचने में भी मदद करेगा। पीएम ने कहा कि पूरे मेला क्षेत्र को एआई संचालित कैमरों से कवर किया जा रहा है। कुंभ के दौरान अगर कोई अपने परिवार से बिछड़ जाता है तो ये कैमरे उसे ढूंढने में मदद करेंगे। श्रद्धालुओं को डिजिटल खोया-पाया केंद्र की सुविधा भी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले जब मैं प्रयागराज गया था तो हेलीकॉप्टर से वहां चल रही तैयारियों को देखकर मुझे खुशी हुई। इतना विशाल, इतना सुंदर, इतना भव्य। महाकुंभ की विशेषता सिर्फ इसकी विशालता में ही नहीं है। कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में है।
संविधान हमारा मार्गदर्शक: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने संविधान पर भी बात की और कहा कि 26 जनवरी 2025 को हमारा संविधान 75 साल पूरे कर रहा है। संविधान हमारा मार्गदर्शक है और संविधान निर्माताओं द्वारा सौंपा गया संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ
पीएम मोदी ने कहा, “बस्तर में एक अनोखे ओलंपिक की शुरुआत हुई है! जी हां, पहले बस्तर ओलंपिक के साथ बस्तर में एक नई क्रांति जन्म ले रही है। मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है कि बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ है। आपको यह जानकर भी खुशी होगी कि यह उस क्षेत्र में हो रहा है जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह था। बस्तर ओलंपिक का शुभंकर ‘वन भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’ है। यह बस्तर की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है।”
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