आग गया पीएम का पुष्पक! 8458 करोड़ रुपए में अभेद्य, अकल्पनीय, अतुलनीय

विशेष विमान बोइंग 777 को अभेद्य किला कहा जाता है। इस विमान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस पर मिसाइल हमले का भी असर नहीं होता। विमान में जहां हवा में इंधन भरने की क्षमता है, वहीं एक बार इंधन भर दिये जाने के बाद यह अमेरिका तक उड़ान भर सकता है। इस विमान में ऑफिस और एक मीटिंग रूम भी है।

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नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अमेरिका में बना पहला विशेष विमान बोइंग 777 गुरुवार को दिल्ली के हवाई अड्डे पर उतारा गया। इस विमान का इस्तेमाल पीएम के आलावा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी कर सकेंगे। बोइंग 777 नामक इस विमान का निर्माण अमेरिका के डलास में किया गया है। बताया जा रहा है कि बढ़ रहे खतरे को देखते हुए सुरक्षा का ख्याल से पीएम, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपित के लिए इसका निर्माण विशेष तौर पर कराया गया है।
दरअस्ल भारत ने अमेरिका से दो बोइंग-777 विमान खरीदे हैं। इन विमानों की कीमत 8458 करोड़ रुपये बताई गई है। इनमें से पहले विामान आज भारत पहुंच चुका है।
इससे पहले तक पीएम एयर इंडिया वन कॉल साइन से बोइंग -747 का इस्तेमाल करते रहे हैं। इन दोनों नए सुपर वीआईपी प्लेन को आने वाले समय में एयर इंडिया नहीं, बल्कि एयरफोर्स ऑपरेट करेगी। कहा जा रहा है कि इसका नाम कॉल साइन एयरफोर्स-वन रखा जा सकता है।
अभेद्य किला है बोइंग 777
विशेष विमान बोइंग 777 को अभेद्य किला कहा जाता है। इस विमान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस पर मिसाइल हमले का भी असर नहीं होता। विमान में जहां हवा में इंधन भरने की क्षमता है, वहीं एक बार इंधन भर दिये जाने के बाद यह अमेरिका तक उड़ान भर सकता है। इस विमान में ऑफिस और एक मीटिंग रूम भी है। साथ ही मिरर बॉल सिस्टम भी इस्तेमाल किया गया है। बोइंग 777 में सबसे आधुनिक और सिक्योर सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगा है।
एयरफोर्स वन से टक्कर
अमेरिकी राष्‍ट्रपति का विमान एयरफोर्स वन 35,000 फीट की ऊंचाई पर 1,013 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। एक बार में यह विमान 6,800 मील की दूरी तय कर सकता है। विमान अधिकतम 45,100 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इस विमान के उड़ान के दौरान प्रति घंटा करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत आती है। वहीं पीएम मोदी का नया विमान करीब 900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकेगा।
एयर इंडिया वन विमान से अलग
एयर इंडिया वन विमान में तीन तरह के रंगों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें से दो रंग अमेरिकी राष्ट्रपति के एयरफोर्स वन से मिलते-जुलते हैं। बोइंग-777 में जो रंग इस्तेमाल किया गया है, उनमें सफेद, हल्का नीला और नारंगी रंग है। हल्का नीला और सफेद रंगं का इस्तेमाल अधिक किया गया है जबकि नारंगी रंग की हवाई जहाज के बीच में लाइन दी गई है। इन तीन रंगों की वजह से ये एयर इंडिया वन विमान देखने में अलग ही नजर आता है।
दुश्मन के रेडार सिग्नल को कर देता है जाम
इन दोनों विमानों की कीमत करीब 8458 करोड़ रुपये है। इस दो नए सुपर वीआईपी प्लेन को आने वाले समय में एयर इंडिया नहीं बल्कि एयरफोर्स ऑपरेट करेगी। सूत्रों का कहना है कि इसका नाम कॉल साइन एयरफोर्स-वन रखा जा सकता है।इस जहाज के अगले हिस्से में जैमर लगा है, जो दुश्मन के रेडार सिग्नल को जाम कर देता है।
अन्य विषेशताएं
*इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर जैमर:- दुश्मन के जीपीएस और ड्रोन सिग्नल को ब्लॉक करने का काम करता है।
*डायरेक्शनल इंफ्रारेड काउंटरमेजर सिस्टम:- यह मिसाइल रोधी प्रणाली है, जो विमान को इन्फ्रारेड मिसाइल से बचाती है।
*चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम:- रडार ट्रैकिंग मिसाइल से खतरा होने पर बादलुनमा चाफ छोड़े जाते हैं, जिससे आगे छिपकर विमान निकल जाता है।
*मिरर बॉल सिस्टम:- डैनों में लगी यह तकनीक विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाती है।
*हवा में ईंधन भरने की सुविधा:- इस विमान में हवा में ईंधन भरने की सुविधा है। एक बार ईंधन भरने पर यह विमान लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
*सुरक्षित सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम:- विमान चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम से लैस है। इससे रोशनीनुमा फ्लेयर्स मिसाइल को भ्रमित करने के लिए छोड़े जाते हैं। इनका तापमान जेट इंजन के नोजल या एक्जॉस्ट से ज्यादा 2,000 डिग्री फॉरेनहाइट होता है। इसमें सबसे आधुनिक और सिक्योर सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगा है।

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