Jaipur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों (new criminal laws) के अधिनियमन आपराधिक न्याय प्रणाली में आदर्श बदलाव हैं। नए आपराधिक कानून ‘नागरिक पहले, गरिमा पहले और न्याय पहले’ की भावना के साथ बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस (Police) को अब ‘डंडा’ के साथ काम करने के बजाय ‘डेटा’ (data’) के साथ काम करने की जरूरत है।
पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक सम्मेलन का समापन
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को जयपुर में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के सम्मेलन (Director General of Police and Inspector General Conference) को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन रविवार को हुआ।
कल्पनाशील तरीके से सोचने का आह्वान
प्रधानमंत्री ने पुलिस प्रमुखों से नए अधिनियमित कानून के पीछे की भावनात्मक भावना को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने के लिए कल्पनाशील तरीके से सोचने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों और नए आपराधिक कानूनों के तहत उन्हें प्रदान की गई सुरक्षा के बारे में जागरूक करने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने पुलिस से महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया ताकि महिलाएं निडर होकर ‘कभी भी और कहीं भी’ काम कर सकें।
नागरिकों के बीच सकारात्मक छवि मजबूत करने की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि नागरिकों के बीच पुलिस की सकारात्मक छवि को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने नागरिकों के लाभ के लिए सकारात्मक जानकारी और संदेश प्रसारित करने के लिए पुलिस स्टेशन स्तर पर सोशल मीडिया के उपयोग की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और आपदा राहत पर अग्रिम जानकारी प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का और बेहतर उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने नागरिक-पुलिस संबंध को मजबूत करने के तरीके के रूप में विभिन्न खेलों के आयोजन का भी सुझाव दिया। उन्होंने सरकारी अधिकारियों से स्थानीय लोगों के साथ बेहतर ‘कनेक्टिविटी’ स्थापित करने के लिए सीमावर्ती गांवों में रहने का अनुरोध किया, क्योंकि सीमावर्ती गांव भारत के ‘पहले गांव’ है।
भारत दुनिया में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर रहा
प्रधानमंत्री ने भारत के पहले सौर मिशन-आदित्य-एल1 की सफलता और भारतीय नौसेना द्वारा अरब सागर में अपहृत जहाज से 21 चालक दल के सदस्यों को तेजी से बचाने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी उपलब्धियां दिखाती हैं कि भारत दुनिया में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आदित्य-एल1 की सफलता चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के समान है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने दो दिन पहले बहुत ही साहसी ऑपरेशन को अंजाम दिया। अरब सागर में आगे बढ़ रहे एक मर्चेंट वेसल (प्राइवेट जहाज) से जैसे ही संकट में होने का संदेश मिला, भारतीय नेवी और मरीन कमांडो तेजी से एक्टिव हो गए। इस जहाज पर 21 लोग थे। इनमें से 15 भारतीय थे। भारत के समुद्र तट से करीब दो हजार किलोमीटर दूर पहुंचकर नौसेना ने सभी को संकट से बाहर निकाला। आपने भी वो वीडियो देखा होगा, जिसमें जहाज के कर्मचारी ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रोफाइल में सुधार और देश की बढ़ती राष्ट्रीय ताकत के अनुरूप, भारतीय पुलिस को 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए खुद को एक आधुनिक और विश्व स्तरीय पुलिस बल में बदलना चाहिए।
सम्मेलन में महत्वपूर्ण घटकों पर हुआ विचार-विमर्श
उल्लेखनीय है कि यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया। सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव और राज्यों व केंद्रित शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशक- पुलिस महानिरीक्षक, केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख जयपुर में व्यक्तिगत रूप मौजूद रहे। वहीं देश भर से विभिन्न रैंकों के 500 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन में भागीदारी की। सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण घटकों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें नए अधिनियमित प्रमुख आपराधिक कानून, आतंकवाद विरोधी रणनीतियाँ, वामपंथी उग्रवाद, उभरते साइबर खतरे, दुनिया भर में कट्टरवाद विरोधी पहल आदि शामिल हैं।(हि.स.)
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