Sandeshkhali Case: कलकत्ता उच्च न्यायालय(Calcutta High Court) ने पांच जनवरी को संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के घर छापेमारी(Raid at the house of Trinamool Congress leader Shahjahan Sheikh in Sandeshkhali) के लिए गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी(FIR lodged against Enforcement Directorate (ED) officials) के संबंध में कार्रवाई पर 11 जनवरी को अंतरिम रोक लगाने का आदेश(interim restraining order) दिया।
ईडी ने किया दावा
ईडी ने उत्तर 24 परगना जिले के नजात थाने में अपने अधिकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया और दावा किया कि अधिकारियों के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं। प्राथमिकी में दीदार बख्श मोल्ला नामक एक व्यक्ति ने शेख के आवास पर छापेमारी की कार्रवाई के लिए पांच जनवरी को आए ईडी अधिकारियों पर चोरी, लोगों के साथ मारपीट और महिलाओं को अपमानित करने का आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने प्राथमिकी के संबंध में कार्रवाई पर 31 मार्च तक अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया। इससे पहले दिन में न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एक अन्य एकल पीठ ने मौखिक रूप से निर्देश दिया था कि छापेमारी में शामिल ईडी अधिकारियों के खिलाफ सोमवार तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती।
ईडी के तीन अधिकारी घायल
ईडी ने कहा है कि पांच जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी की टीम पर हुए हमले में उसके तीन अधिकारी घायल हो गए और उनका सामान छीन लिया गया। हमला उस वक्त हुआ जब वे राज्य की राशन वितरण प्रणाली में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में छापेमारी के लिए शाहजहां शेख के घर गए थे।
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घटना के संबंध में चार मामले दर्ज
ईडी के वकील ने न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ के समक्ष कहा कि उसे पता चला है कि घटना के संबंध में चार मामले दर्ज किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से एक ईडी ने अपने अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर दर्ज कराया है और अन्य मामले उसके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं।