प्लेटलेट हुआ कम तो चढ़ा दिया मोसम्बी जूस, जानिये प्रयागराज के अस्पताल की अंधेरगर्दी

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शहर के झलवा क्षेत्र का ग्लोबल अस्पताल अपने जल्द ही जमीन में मिल जाएगा। यहां के डॉक्टरों पर आरोप है कि, डेंगू के मरीज को प्लेटलेट कम होने के कारण चढ़ाए जानेवाले प्लेटलेट के स्थान पर उन्होंने मोसम्बी जूस चढ़ा दिया। इसके कारण बीमार व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ गया और उसकी मौत हो गई। परिवारजनों की शिकायत के बाद प्रशासन ने अस्पताल मालिक को नोटिस जारी किया है और तीन दिनों में इसे जमींदोज कर दिया जाएगा।

प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अपनी जांच में पाया है कि, अस्पताल की इमारत अवैध है। इसके बाद प्रशासन ने अस्पताल को तीन दिन में इस संबंध में उत्तर देने का समय दिया है, इसके बाद अवैध निर्माण पर तोड़क कार्रवाई की जाएगी।

नकली प्लेटलेट का गिरोह
बता दें कि, अस्पताल में मरीज को मोसम्बी जूस चढ़ाए जाने की घटना का पता चलते ही, स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को 20 अक्टूबर को सील कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए नकली प्लेटलेट बेचनेवाले गिरोह पर कार्रवाई की और दस लोगों को गिरफ्तार किया। जांच में यह भी सामने आया है कि, गिरोह के लोग मरीजों के परिजनों को प्लेटलेट के स्थान पर प्लाज्मा देते थे। इसके अलावा स्वास्थ्य मानकों का भी धड़ल्ले से उल्लंघन किया जाता था, जिससे मरीजों में संक्रमण हो जाता था।

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चिपका दी नोटिस
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के ओएसडी अभिनव रंजन से प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल की इमारत पर नोटिस चिपका दी गई है। इससे तीन दिनों के भीतर इमारत के स्वामी को उत्तर देना है। यदि वे इमारत की वैधता को लेकर कागज पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते तो, अस्पताल में तोड़क कार्रवाई की जाएगी।

अस्पताल का आरोपों से इन्कार
ग्लोबल अस्पताल एण्ड ट्रॉमा सेंटर प्रशासन ने मरीज को मोसम्बी जूस चढ़ाए जाने के आरोप से इन्कार किया है। टीवी चैनलों को दिये साक्षात्कार में कहा गया है कि, मरीजे के परिजनों ने ही प्लेटलेट लाए थे। जिसे उन्होंने चढ़ाए हैं। इसलिए इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं है। इस संबंध में अस्पताल के पास कोई जांच प्रक्रिया भी नहीं है।

कैसे प्रकरण आया सामने
प्रदीप पाण्डे नामक एक मरीज ग्लोबल अस्पताल में डेंगू संक्रमित होने के बाद भर्ती किया गया था। अस्पताल के अनुसार उसका प्लेटलेट काउंट 18,000 था। जिसके बाद उसे ब्लड बैंक से प्लेटलेट मंगवाकर चढ़ाया गया। इसके बाद मरीज का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ने लगा, जिसके बाद उन्हें दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। मरीज के संबंधी सौरभ तिवारी ने इस प्रकरण का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए थे। प्रशासन ने इस प्रकरण की दखल लेते हुए अस्पताल की जांच शुरू की है। जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती अस्पताल पर सील लगा दिया गया है।

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