मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शुक्रवार (24 जनवरी) को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) की अध्यक्षता में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर (Lokmata Devi Ahilyabai Holkar) की नगरी महेश्वर में मंत्रि-परिषद की बैठक (Council of Ministers Meeting) होने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने डेस्टिनेशन कैबिनेट की ऐतिहासिक पहल की है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पर्यटन को बढ़ावा देने की अवधारणा को भी धरातल पर साकार करती है। आज महेश्वर में राज्य सरकार कैबिनेट की बैठक देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती वर्ष को समर्पित होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई का सम्पूर्ण जीवन लोक-कल्याण और सुशासन को समर्पित रहा है। राज्य सरकार देवी अहिल्याबाई द्वारा महिला सशक्तिकरण, किसान-कल्याण, सुशासन की दिशा में दिखाए मार्ग पर चलकर समग्र विकास को चरितार्थ करने के लिये संकल्पित है। लोकमाता देवी अहिल्याबाई के सिद्धातों एवं आदर्श राज्य की नीति एवं निर्माण में समाहित किया जायेगा। उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए महिला नेतृत्व एवं सशक्तिकरण की दिशा में सरकार ने प्रभावी कदम बढाए हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 मालवा की महारानी पुण्यश्लोका अहिल्या देवी का 300वां जयंती वर्ष है। हमारी सरकार ने देवी अहिल्या माता की 300वीं जयंती मनाने का निर्णय लिया है। इस उपलक्ष्य में हम पूरे वर्ष अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकमाता अहिल्या देवी का जीवन धार्मिकता, त्याग और करुणा का प्रतीक था। वे न केवल एक कुशल शासिका थीं, बल्कि एक आदर्श नारी और माता भी थीं। लोकमाता अहिल्या देवी के शासनकाल, उनकी कर्तव्यपरायणता, धर्म परायणता, सुशासन, दानशीलता, धार्मिकता आदि गुणों से हमें सद्मार्ग और सुशासन के जरिए लोक-कल्याण की असीम ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। उनके व्यक्तित्व की आभा से पूरा समाज आज भी उन्हें अत्यंत श्रद्धा से देखता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की पावन धरा वह स्थान है, जहां रानी दुर्गावती, लोकमाता अहिल्या देवी, सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज जैसे प्रतापी एवं सुशासन लाने वाले शासक हुए हैं। इनके नाम और काम पर मध्य प्रदेश सदैव गौरवान्वित होता आया है। इस संदर्भ में महिला शासिका लोकमाता अहिल्या देवी का नाम भी अजर-अमर है। उनके नाम पर समर्पित मंत्रि-परिषद की बैठक में हम जनकल्याण से जुड़ी कई नवीन योजनाओं को मंजूरी देने जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की कि हम सब मालवा की लोकमाता अहिल्या देवी के पुण्य स्मरण में शामिल हों। वे स्वयं और सभी मंत्रीगण मिलकर अहिल्या माता को समर्पित मंत्रिपरिषद की बैठक के लिए महेश्वर जाएंगे और यही लोकमाता को, उनके सद्कार्यों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
लोकमाता अहिल्या देवी का जीवन परिचय
लोकमाता देवी अहिल्याबाई भारत के इतिहास में एक महान शासिका, समाज सुधारक और धर्मपरायण नेत्री के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनका जीवन त्याग, नारी सशक्तिकरण, धर्म और न्याय के आदर्शों से प्रेरित है। देवी अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में एक साधारण मराठा पाटिल परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मनकोजी शिंदे था। उनका विवाह 1733 में खंडेराव होल्कर से हुआ, जो मालवा के शासक मल्हारराव होल्कर के पुत्र थे। वर्ष 1754 में खंडेराव होल्कर की मृत्यु के बाद, अहिल्याबाई ने अपने जीवन को राज्य और प्रजा की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। मल्हारराव होल्कर की मृत्यु (1766) के बाद अहिल्याबाई ने इंदौर की गद्दी संभाली। उनका शासनकाल (1767-1795) न्यायप्रियता, कुशल प्रशासन, और समाज कल्याण के लिए जाना जाता है। देवी अहिल्याबाई ने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए काम किया। उन्होंने शिक्षा और धर्म के माध्यम से समाज में एकता और सामंजस्य बढ़ाया। देवी अहिल्याबाई ने कुशल प्रशासन से अपने राज्य को एक सुव्यवस्थित और समृद्ध क्षेत्र बनाया था।
महेश्वर डेस्टिनेशन कैबिनेट के मुख्य आकर्षण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव महेश्वर घाट पर माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना करेंगे।- लोकमाता देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की जायेगी।- लोकमाता देवी अहिल्याबाई की स्मृति में पौध-रोपण होगा। महेश्वर में माँ नर्मदा के घाटों के साथ ही नगर में भी साज-सज्जा होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव, महेश्वरी साड़ी तैयार करने वाली महिला बुनकरों से संवाद करेंगे।- मंत्रि-परिषद के सदस्य लोकमाता देवी अहिल्याबाई के महल का अवलोकन करेंगे। (MP Cabinet Meeting)
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