चीन (China) और अमेरिका (America) के बीच टैरिफ वॉर (Tariff War) गहराता जा रहा है। दोनों देश एक दूसरे पर तेजी से टैरिफ बढ़ा रहे हैं, जिससे पूरी दुनिया में व्यापार संकट और मंदी (Trade Crisis and Recession) की आशंका गहरा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने एक बार फिर चीन पर टैरिफ बढ़ा दिया है और अब चीन से आने वाले उत्पादों पर 245 फीसदी आयात शुल्क (Import Duty) देना होगा। यह अब तक के इतिहास में लगाया गया सबसे ज्यादा टैरिफ है।
चीन ने 11 अप्रैल को अमेरिकी वस्तुओं पर 125 फीसदी टैरिफ लगाया था और ट्रंप ने जवाब में नये टैरिफ लगा दिये हैं। चीन ने पहले कहा था कि वह अब अमेरिका द्वारा लगाए गए किसी भी अतिरिक्त शुल्क का जवाब नहीं देगा। 11 अप्रैल को चीन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए असामान्य टैरिफ ने अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यापार नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है। यह दबाव और धमकी की पूरी तरह से एकतरफा नीति है।
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दोनों देशों के बीच कड़वाहट बढ़ी
अमेरिका ने बाकी दुनिया को अमेरिकी टैरिफ से 90 दिनों की राहत दी है, लेकिन चीन को इससे बाहर रखा है। इससे चीन और अमेरिका के रिश्तों में कड़वाहट बढ़ रही है। ऐसे में साफ तौर पर समझा जा सकता है कि ट्रंप का सीधा निशाना सिर्फ और सिर्फ चीन है। हालांकि, दोनों देशों के बीच टैरिफ वॉर से सिर्फ चीन और अमेरिका को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को नुकसान होगा।
शी जिनपिंग बोले- चीन किसी से नहीं डरता
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बढ़ते टैरिफ विवाद के मद्देनजर अपना पहला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चीन किसी से नहीं डरता। पिछले 70 वर्षों में चीन का विकास कड़ी मेहनत और आत्मनिर्भरता का परिणाम है।
245 प्रतिशत तक टैरिफ
व्हाइट हाउस ने कहा कि 75 से ज्यादा देश पहले ही नए व्यापार समझौतों पर चर्चा के लिए संपर्क कर चुके हैं। इसे देखते हुए चीन को छोड़कर बाकी देशों पर जवाबी टैरिफ को फिलहाल टाल दिया गया है। अमेरिका के अनुसार, चीन ने जवाबी कार्रवाई की है, इसलिए अमेरिका में आयात होने वाले चीनी उत्पादों पर 245 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया जाएगा।
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