लोकसभा (Lok Sabha) ने बुधवार देर रात मणिपुर (Manipur) में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) की पुष्टि करते हुए एक संवैधानिक प्रस्ताव पारित किया। हिंसा प्रभावित मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक फैसले के अनुसार, दो महीने के भीतर राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने का संवैधानिक प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने लोकसभा में पेश किया।
उन्होंने सदन में कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद राज्यपाल ने विधायकों से चर्चा की और बहुमत के सदस्यों ने कहा कि वे सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं।
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बता दें कि मणिपुर में लंबे समय से जातीय संघर्ष और हिंसा की स्थिति बनी हुई थी। केंद्र सरकार ने पहले भी कई प्रयास किए, लेकिन स्थिति में अपेक्षित सुधार न होने के कारण यह कदम उठाया गया है। सरकार का कहना है कि राष्ट्रपति शासन के दौरान प्रशासनिक नियंत्रण बेहतर होगा और शांति बहाली की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
शाह ने कहा कि इसके बाद कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, मैं दो महीने के भीतर इस संबंध में सदन की मंजूरी के लिए एक संवैधानिक प्रस्ताव लाया हूं।” शाह ने कहा कि सरकार की पहली चिंता मणिपुर में शांति स्थापित करना है और पिछले चार महीनों में एक भी मौत नहीं हुई है और केवल दो लोग घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार मणिपुर में जल्द शांति, पुनर्वास और लोगों के घावों पर मरहम लगाना चाहती है। गृह मंत्री ने विपक्षी दलों से मणिपुर के मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की अपील की।
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