Laxmikant Dixit: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन, सीएम योगी ने जताया शोक

आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित इस वर्ष जनवरी में अयोध्या में निर्मित भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य पुजारी थे।

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अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के मुख्य पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित (Priest Laxmikant Dixit) का शनिवार (22 जून) सुबह निधन (Death) हो गया। लक्ष्मीकांत दीक्षित का 90 साल की उम्र में निधन हो गया है। आचार्य पिछले कुछ दिनों से बीमार थे।

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratishtha Ceremony) में 121 पुजारी शामिल हुए। इन पुजारियों का नेतृत्व लक्ष्मीकांत दीक्षित ने किया। दीक्षित का आज सुबह 6.45 बजे निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर फिलहाल घर पर ही है और मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन से अयोध्या समेत देशभर के श्रद्धालुओं में शोक फैल गया है। पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित की अंतिम यात्रा उनके निवास मंगलागौरी से निकलेगी।

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सीएम योगी ने ट्वीट कर जताई संवेदना

पुजारी दीक्षित सोलापुर, महाराष्ट्र से थे
आचार्य लक्ष्मीकांत काशी के महान पंडितों में शामिल हैं। उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपरा में रुचि थी। लक्ष्मीकान्त सांगवेद महाविद्यालय, मीरघाट, वाराणसी के वरिष्ठ आचार्य थे। इस महाविद्यालय की स्थापना काशी नरेश की सहायता से की गई थी। लक्ष्मीकांत दीक्षित महाराष्ट्र के सोलापुर के जेउर के रहने वाले थे। दीक्षित की पीढ़ी के लोग काशी में बस गये थे। लक्ष्मीकांत को उनके चाचा गणेश दीक्षित ने वेदों और कर्मकांडों की शिक्षा दी थी।

पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन की खबर सामने आते ही पारंपरिक परंपराओं को मानने वाले लोगों में शोक फैल गया है। प्राणप्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने वाले पुजारियों ने दीक्षित की मृत्यु के बाद अपनी संवेदना व्यक्त की है।

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