प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) फ्रांस (France) पहुंच चुके हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (President Emmanuel Macron) के निमंत्रण पर वो सोमवार को फ्रांस पहुंचे। आज फ्रांस में एआई एक्शन समिट (AI Action Summit) है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समिट की सह अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा दोनों नेता द्विपक्षीय वार्ता (Bilateral Talks) करेंगे।
फ्रांस के मीडिया के अनुसार, राष्ट्रपति मैक्रों ने शासनाध्यक्षों और राष्ट्राध्यक्षों के सम्मान में एलिसी पैलेस में रात्रिभोज का आयोजन किया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। मोदी और मैक्रों ने गले लगकर मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर के फोटो अपने एक्स हैंडल पर साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी की रात्रिभोज में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सीईओ और समिट में आमंत्रित कई अन्य विशिष्ट व्यक्तियों से भी मुलाकात हुई। इनमें अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस प्रमुख हैं। रात्रिभोज पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा कि पेरिस में अपने मित्र राष्ट्रपति मैक्रों से मिलकर खुशी हुई।
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प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों प्रतिनिधिमंडल स्तर पर भी बातचीत करेंगे। साथ ही भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित करेंगे। दोनों नेता कल प्रथम विश्वयुद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मजारगुएज युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे। इसके अलावा मार्सिले में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों कैडारैचे भी जाएंगे। कैडारैचे उच्च-विज्ञान परियोजना का केंद्र है। इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (आईटीईआर) के रूप में जाना जाता है। फ्रांस से प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका जाएंगे।
एआई एक्शन समिट की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि अब फ्रांस और यूरोप मिलकर अमेरिका और चीन जैसी अन्य वैश्विक शक्तियों के खिलाफ दौड़ में बने रहने के लिए महत्वपूर्ण कृत्रिम मेधा परियोजनाओं के लिए लालफीताशाही को तोड़ें। उन्होंने कहा कि एआई परियोजनाओं पर ”हम नोट्रे डेम डे पेरिस रणनीति को अपनाएंगे”। सबको याद होगा कि फ्रांस ने 2019 की आग में हुई तबाही के पांच साल के भीतर ऐतिहासिक कैथेड्रल का पुनर्निर्माण किया। उन्होंने यह उद्गार राजधानी पेरिस के दिव्य और भव्य ग्रैंड पैलैस में तकनीकी उद्योग के मालिकों और राजनीतिक नेताओं सहित उपस्थित लोगों के बीच व्यक्त किए।
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