ISRO की बड़ी उपलब्धि, चांद की कक्षा से धरती की कक्षा में लाया गया प्रोपल्शन मॉड्यूल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अंतरिक्ष की खोज करने के लिए इसरो की फ्लाइंग एयरोडॉयनमिक्स टीम ने एक बेहतरीन विश्लेषण उपकरण विकसित किया है।

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इसरो (ISRO) ने 23 अक्टूबर 2023 को अपने अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को चांद के दक्षिणी ध्रुव (south pole) पर उतारा था। अब इसरो ने प्रोपल्शन मॉड्यूल (propulsion module) को धरती की कक्षा (earth’s orbit) में स्थापित कर एक और कामयाबी हासिल की है। प्रोपल्शन मॉड्यूल को बिना किसी सैटेलाइट से टकराए चांद की कक्षा से धरती की कक्षा में लाया गया है।

अक्टूबर महीने में शुरू हुई थी कोशिश
मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी जानकारी आई कि इसरो ने अक्टूबर के महीने से प्रोपल्शन मॉड्यूल को धरती की कक्षा में वापसी के लिए कोशिश शुरू कर दी थी। इस प्रयास में प्रोपल्शन मॉड्यूल ने चांद के चार चक्कर लगाए और फिर धरती की कक्षा के लिए रवाना हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अंतरिक्ष की खोज करने के लिए इसरो की फ्लाइंग एयरोडॉयनमिक्स टीम ने एक बेहतरीन विश्लेषण उपकरण विकसित किया है।

14 जुलाई 2023 को इसरो ने किया था प्रक्षेपण
बता दें कि 14 जुलाई 2023 को इसरो ने इसका प्रक्षेपण किया था । ‘चंद्रयान-3′ ने पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त 2023 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखा था। लैंडिंग के बाद लैंडर और रोवर से इसरो को लगातार नई जानकारियां प्राप्त हो रही हैं।

23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस
पीएम मोदी कहा था कि चंद्रमा पर भारत की दस्तक देने की तिथि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी (PM Modi) ने 26 अगस्त को इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देने के बाद इसकी जानकारी देते कहा कि 2019 में चंद्रयान 2 (chandrayaan 2) चंद्रमा के जिस स्थान पर अपने पैरों के निशान छोड़े थे, उसे ट्राइकलर प्वॉइंट (tricolor point) के नाम से जाना जाएगा।

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