पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के मामले में नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन देखते ही देखते हिंसक हो गया। पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद उपद्रवी एवं असामाजिक तत्व नारेबाजी के साथ पथराव करने लगे। छतों से भी पत्थर फेंके गए। पुलिस, आरएएफ और पीएसी ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ा, लेकिन उपद्रवी सुनियोजित तरीके से थोड़ी-थोड़ी देर में पत्थरबाजी करते रहे।
जुमे की नमाज के बाद प्रदेश के प्रयागराज समेत कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हुआ। राजधानी लखनऊ स्थित टीले वाली मस्जिद परिसर में भी विरोध प्रदर्शन हुआ। हरकत में आई पुलिस ने तुरंत मस्जिद को खाली कराया। इसके अलावा सहारनपुर के देवबंद में भी हजारों की संख्या में लोगों ने नारेबाजी की। मुरादाबाद और बिजनौर जिले में भी नमाजियों ने विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया है।
प्रयागराज में लाठीचार्ज
प्रयागराज के अटाला इलाके में नमाजियों ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने जब इन्हे शांत कराने का प्रयास किया तो भीड़ में मौजूद शरारती तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ डाला। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। बड़ी संख्या में पीएसी, आरएएफ और पुलिस बल तैनात है। पुलिस का कहना है कि स्थिति पर नियंत्रण कर लिया गया है।
कानपुर में भीड़ जमा करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल
कानपुर हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में जुमे के दिन भीड़ इकट्ठा करने को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्टर वायरल हुए थे। इसके मद्देनजर पूरे प्रदेश में पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं। कानपुर शहर और लखनऊ समेत कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई। संवेदनशील जिलों के मस्जिदों के बाहर पुलिस का सख्त पहरा बैठा दिया गया था। ड्रोन कैमरों से नजर रखी जा रही थी। हालांकि इससे पहले जिलों के आला पुलिस अधिकारियों ने सिया और सुन्नी धर्मगुरुओं के साथ बैठक की थी। प्रशासन ने यह अपील की कि नमाजी मस्जिदों में नमाज के बाद अपने घर को लौट जाएं, लेकिन प्रयागराज में इसका असर होता नहीं दिख रहा है।