Puja Khedkar: विकलांगता संबंधी दावे पर बड़ा खुलासा, जानें दिल्ली पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट में क्या कहा

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि खेडकर ने सर्टिफिकेट में अपना नाम बदल लिया है।

131

Puja Khedkar: महाराष्ट्र (Maharashtra) की पूर्व आईएएस ट्रेनी (former IAS trainee) पूजा खेडकर (Puja Khedkar) की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में एक और स्टेटस रिपोर्ट पेश (status report) की है। अपनी रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उनकी विकलांगता के दावे फर्जी हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि खेडकर ने सर्टिफिकेट में अपना नाम बदल लिया है।

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच से पता चलता है कि पूजा खेडकर द्वारा जमा किया गया विकलांगता सर्टिफिकेट फर्जी हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खेडकर ने 2022 और 2024 में दो विकलांगता सर्टिफिकेट (एक से अधिक विकलांगता) जमा किए थे, जिन्हें कथित तौर पर महाराष्ट्र के अहमदनगर में मेडिकल अथॉरिटी ने जारी किया था। हालांकि, सत्यापन के बाद मेडिकल अथॉरिटी ने इन सर्टिफिकेट को जारी करने से इनकार करते हुए कहा कि पूजा खेडकर द्वारा दावा किए गए विकलांगता सर्टिफिकेट उनके द्वारा जारी नहीं किए गए थे।

यह भी पढ़ें- J-K Assembly polls: जानें कब जारी होगा भाजपा का घोषणापत्र, अमित शाह जम्मू में रैलियों को भी करेंगे संबोधित

दिल्ली हाईकोर्ट ने खेडकर की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा
पिछले हफ़्ते, दिल्ली हाईकोर्ट ने खेडकर की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी थी। यह विस्तार अगली सुनवाई की तारीख़ 5 सितंबर, 2024 तक प्रभावी है। यह तब हुआ जब संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और दिल्ली पुलिस दोनों ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग की। अधिकारियों के रुख़ पर दायर एक जवाब में, खेडकर ने अपने खिलाफ़ लगाए गए आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा-2022 को सफलतापूर्वक पास करने की प्रक्रिया में न तो गलत बयान दिया है और न ही धोखाधड़ी की है। उन्होंने यह भी कहा कि UPSC के पास उनकी उम्मीदवारी को अयोग्य ठहराने का कोई अधिकार नहीं है।

यह भी पढ़ें- Uttar Pradesh: ड्रोन सर्च के बावजूद बच निकले हत्यारे भेड़िये, जानें अब तक का घटनाक्रम

पूजा खेडकर फ़र्जी प्रमाणपत्र मामला
पूजा खेडकर पर UPSC परीक्षा में धोखाधड़ी और अनुचित तरीके से OBC और विकलांगता कोटा लाभ हासिल करने के आरोप हैं। यूपीएससी ने पहले कहा था कि खेडकर ने आयोग और जनता के खिलाफ धोखाधड़ी की है, और धोखाधड़ी की “व्यापकता” का पता लगाने के लिए उससे हिरासत में पूछताछ आवश्यक थी, जो अन्य व्यक्तियों की मदद के बिना नहीं की जा सकती थी। यूपीएससी ने पहले कहा था कि खेडकर ने आयोग और जनता के खिलाफ धोखाधड़ी की है, और धोखाधड़ी की “व्यापकता” का पता लगाने के लिए उससे हिरासत में पूछताछ आवश्यक थी, जो अन्य व्यक्तियों की मदद के बिना नहीं की जा सकती थी।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.